जेइइ एडवांस में बिहार के स्टूडेंट्स ने बढ़ाया मान
बिहार के स्टूडेंट्स का ही बेहतर प्रदर्शन रहा है
गुवाहाटी जोन का रिजल्ट उम्मीदों के मुताबिक नहीं संवाददाता, पटना
जेइइ मेन में क्वालिफाई करने वाले बिहार से 13,588 स्टूडेंट्स ने जेइइ एडवांस्ड में शामिल हुए थे. इनमें से बिहार के आठ सौ से अधिक स्टूडेंट्स ने क्वालिफाइ किया है. वैसे जोन में प्रदर्शन के मामले में बिहार के स्टूडेंट्स का ही बेहतर प्रदर्शन रहा है. गुवाहाटी जोन का रिजल्ट फिर खराब रहा. लेकिन पिछले साल से थोड़ा ठीक रहा. पिछले साल गुवाहाटी जोन से टॉप-100 में सिर्फ एक स्टूडेंट शामिल था, लेकिन इस बार टॉप-100 में दो स्टूडेंट्स शामिल हुए. इस बार टॉप-500 में जोन के पांच स्टूडेंट्स ने जगह बनायी है, जबकि 2023 में टॉप-500 में चार स्टूडेंट्स शामिल थे. इस बार ऑल इंडिया रैंक 69, 96, 279, 285 और 343 रैंक वाले स्टूडेंट्स ही टॉप-500 में शामिल हैं. आइआइटी, मद्रास ने कहा कि आइआइटी, गुवाहाटी जोन में टॉप-100 में दो, टॉप-200 में दो, टॉप-300 में चार, टॉप-400 में पांच और टॉप-500 में पांच स्टूडेंट्स ही शामिल हैं. पिछले कुछ सालों से आइआइटी, गुवाहाटी जोन में टॉप-10 में कोई भी स्टूडेंट्स जगह नहीं बना पा रहा है. 2020 और 2021 के जेइइ एडवांस्ड में गुवाहाटी जोन टॉप-100 से बाहर था. लेकिन 2022 में टॉप-100 में गुवाहटी जोन से दो स्टूडेंट्स ने जगह बनायी थी. 2022 में टॉप-200 में पांच, टॉप-300 में सात, टॉप-400 में आठ और टॉप-500 में 10 स्टूडेंट्स ने जगह बनायी है. वहीं, 2021 में टॉप-200 में तीन, टॉप-300 में पांच, टॉप-400 में सात और 500 में केवल नौ स्टूडेंट्स अपना स्थान बना पाये थे. वैसे जोन वाइज रिजल्ट में गुवाहाटी जोन सबसे नीचे है. 2020 में भी टॉप-100 में गुवाहटी जोन से किसी स्टूडेंट्स ने जगह नहीं बनायी थी, लेकिन 2020 में टॉप-200 में चार, टॉप-300 में सात, टॉप-400 में आठ और टॉप-500 में केवल 12 स्टूडेंट्स ने स्थान बनाया था. आइआइटी, गुवाहाटी जोन में आने वाले राज्य अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, त्रिपुरा, सिंगापुर (भारत के बाहर) शामिल हैं.आइआइटी दिल्ली से कंप्यूटर साइंस में करेंगे पढ़ाई : अनिकेत
पटना के अनिकेत ने गुवाहाटी जोन में सेकेंड टॉपर ने 360 में से 301 अंक प्राप्त किया है. अनिकेत मूल रूप से औरंगाबाद के रहने वाले हैं परंतु वह अपने परिवार के साथ पटना के रामजयपाल नगर में रहते हैं. उनके पिता सुनील कुमार सिंह बिहार सरकार में सरकारी कार्यरत हैं. उनकी माता प्रतिमा सिंह हाउस वाइफ है. इन्होंने शुरुआती शिक्षा पटना के ज्ञान निकेतन स्कूल से किया है. एक भाई और एक बहन है. उनकी बड़ी बहन बीआइटी से बीटेक कर रही हैं. इन्होंने एक साल कोटा में रहकर तैयारी की थी. फिलहाल इन्होंने सेल्फ स्टडी और ऑनलाइन के माध्यम से पढ़ाई कर कामयाबी हासिल की है. सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में ही बड़ा काम करना चाहते हैं, फिलहाल यह दिल्ली आइआइटी से कंप्यूटर साइंस से बीटेक करेंगे. बेटे की इस सफलता से उनके माता-पिता और परिवार के सभी सदस्य काफी खुश हैं.मुंबई आइआइटी से करना चाहते हैं कंप्यूटर साइंस की पढाई : प्रथम
मुजफ्फरपुर जिले के रहने वाले प्रथम कुमार ने ऑल इंडिया रैंक में 343 रैंक हासिल कर गुवाहाटी जोन में पांचवें स्थान पर रहें. इन्होंने जेइइ मेन में ऑल इंडिया 33वीं रैंक हासिल किया था. जेइइ मेन और जेइइ एडवांस्ड 2024 में बिहार स्टेट टॉपर बनकर अपने परिवार और राज्य का नाम रोशन किया है. टॉपर छात्र प्रथम ने बताया कि उनका सपना आइआइटी से मुंबई से कंप्यूटर साइंस से पढ़ाई करना चाहता है. इसके पिता सुजीत कुमार सिंह एक प्राइवेट इलेक्ट्रिक कंपनी में कार्य करते हैं. मां गृहिणी हैं. प्रथम ने बताया कि पहले चरण में कुछ अंकों से बेहतर पर्सेटाइल नहीं मिल सका था.पटना के देव राज को मिला 177वां रैंक, बनेगा सॉफ्टवेयर डेवलपर
पटना की केंद्रीय राजस्व कॉलोनी के रहने वाले देव राज ने जेइ एडवांस्ड में ऑल इंडिया 177वां (ओबीसी) व 1140वां (जनरल) रैंक हासिल किया है. आइआइटी, गुवाहाटी जोन से उन्होंने एग्जाम दिया था. वहीं जेइइ मेन में भी 99.91 प्रतिशत अंक हासिल किये थे. देव बताते हैं कि प्रतिदिन छह घंटे घर में पढ़ते थे व डेली रूटीन को फॉलो करते थे, जिससे सफलता मिली. साथ ही विद्यामंदिर क्लासेज में कोचिंग करते थे. उन्होंने बताया कि उनकी पहली पसंद आइआइटी, खड़गपुर है. वह कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में दाखिला लेकर सॉफ्टवेयर डेवलपिंग में अपना करियर बनाना चाहते हैं. देव के पिता बीना नाथ प्रसाद कस्टम विभाग में हैं और मां गीता कुमारी गृहिणी हैं. 10वीं में उन्हें आइसीएसइ बोर्ड से 99 फीसदी और 12वीं में 96.4 फीसदी अंक मिले हैं.पटना के इमाद आरिफ को 77 रैंक, सिविल सर्विस में जाने की तैयारी
पटना के मो इमाद आरिफ ने जेइइ एडवांस्ड में 77वां स्थान प्राप्त किया है. आरिफ दिल्ली जोन से परीक्षा में शामिल हुए थे. उनकी पढ़ाई बेंगलुरु में हुई है. बेहतर रैंक प्राप्त करने पर घर में खुशी का माहौल है. वह दिल्ली या मुंबई से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई करेंगे. गोड्डा डीसी जिशान कमर के भांजा इमाद आरिफ ने बेहतर प्रदर्शन कर बिहार का नाम रौशन किया है. कमर ने अपने भांजे के रिजल्ट की जानकारी दी है. बताया कि इमाद आरिफ ने ऑल इंडिया स्तर पर अपने मेधा का परचम लहराने का काम किया है. आरिफ के पिता आरिफ रजा निजी कंपनी में पदाधिकारी के पद पर कार्यरत है. अहमद की मां नुरुसवा गृहणी है. आरिफ के साथ-साथ मामा कमर को आदर्श मानते है. अहमद आरिफ इंजीनियरिंग की पढ़ाई के साथ आगे सिविल सर्विसेस की परीक्षा में शामिल होकर देश व समाज के लिये काम करना चाहते है. इमाद आरिफ दो भाई बहनों में सबसे बडा है.जेइइ मेन जनवरी के बिहार टॉपर अबु बकर को 168 रैंक हुआ प्राप्त
किशनगंज के नाद्व मंजिल, इकबाल कॉलोनी के रहने वाले अबु बकर सिद्दीक को जेइइ एडवांस्ड में 168 रैंक प्राप्त हुआ है. वह जेइइ मेन जनवरी सत्र के स्टेट टॉपर थे. लेकिन जेइइ एडवांस्ड में दिल्ली जोन से आवेदन किया और उन्हें 168 रैंक प्राप्त हुआ. वह काफी खुश हूं. आइआइटी मुंबई से कंप्यूटर साइंस में बीटेक करनी की इच्छा है. अबु के पिता अबुजर आलम है और उनकी माता का नाम नुजहत फातमी है. उनकी मैट्रिक और बारहवीं क्रेसेंट पब्लिक स्कूल से हुई है. 10वीं में उन्हें 97 प्रतिशत अंक प्राप्त हुआ था. उनके एक भाइ और एक बहन हैं. वहीं, उमर को भी 1378 रैंक प्राप्त हुआ है.वैशाली के शौर्या सिंह को 187वां रैंक
वैशाली के शौर्या सिंह को जेइइ एडवांस्ड में 187वां रैंक प्राप्त हुआ है. शौर्या मुंबई जोन से एग्जाम में शामिल हुए थे. शौर्या सिंह के दादा रिटायर्ड प्रो नरेंद्र कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि शौर्या की पढ़ाई मुंबई में ही हुई है. जेइइ मेन में भी 155 रैंक हासिल किया था. इनके पिता यतेंद्र नाथ व माता पूजा सिंह हैं. पोते का मेहनत रंग लाया है. वह साइंस व मैथ के ओल्पियांड में भी बेहतर प्रदर्शन किया था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है