घर में छुपा था कोरोना का संदिग्ध, बाहर निकालने के लिए प्रशासन को करनी पड़ी मशक्कत
बिहार की राजधानी पटना में कोरोना के एक संदिग्ध को घर से बाहर निकालने के लिए प्रशासन को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी.
पटना : बिहार की राजधानी पटना में कोरोना के एक संदिग्ध को घर से बाहर निकालने के लिए प्रशासन को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. पटना के कराय पंचायत के रहने वाले हनीफ अंसारी का पुत्र सरफराज बीते 15 दिन पूर्व सउदी से लौटा था. वहां से लौटने के बाद उसे सर्दी, खांसी व बुखार हो गया. स्थानीय पर दवा ले घर में बंद रहने लगा. इसकी जानकारी ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन को दी.
शनिवार को बीडीओ पंकज कुमार व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डाॅ रामानुजम दल बल के साथ कराय पहुंचे. जब वह सभी सरफराज से मिलने की कोशिश की तो वह मिलने से इन्कार कर दिया. काफी हो हल्ला व मशक्कत के बाद उसे किसी प्रकार बाहर निकाल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के एंबुलेंस से पटना भेजा गया. वहीं नगर के काश्मीरगंज निवासी मो आसीम जो दस दिन पूर्व दुबई से लौटा था प्रशासन उसके पास भी गयी. लेकिन उसने दुबई व महाराष्ट्रा हवाई अड्डे पर अपनी हुई जांच की रिपोर्ट दिखायी. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ रामानुजम ने आशंका व्यक्त की है कि कराय का सरफराज कोरोना वायरस से ग्रसित है की नहीं इसका पता पटना में जांच के बाद पता चल जायेगा.
आपको बता दें कि देश में कोरोना वायरस के अबतक 250 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं लेकिन बिहार अभी तक इससे अछुता है. बिहार में अब तक लगभग 500 संदिग्धों की पहचान की गयी है पर अभी तक इनमें से किसी में भी कोरोना की पुष्टि नहीं हुई है.