बिहार में शिक्षकों को गलत तरीके से सरकारी लाभ पहुंचाने का मुद्दा अब और अधिक गहराता जा रहा है. पटना जिले के सैंकड़ों शिक्षकों को गलत तरीके से वरीय वेतनमान देने का मामला तूल पकड़ता दिख रहा है. मामले की जांच भी पूरी की जा चुकी है. जांच की रिपोर्ट आरडीडीई ने पटना प्रमंडल आयुक्त को सौंप दिया है. जिसके बाद अब कार्रवाई की जा सकती है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पटना जिले के सैंकड़ों शिक्षकों को नियुक्ति से प्रशिक्षित मानकर उनके वेतन का निर्धारण करने और वेतन बढ़ाकर देने का मामला सामने आया. जिसे गंभीरता से लिया गया और मामले की जांच की गयी. पटना प्रमंडलीय आयुक्त को सौंपी गयी जांच रिपोर्ट में तत्कालीन डीइओ पर पत्र दबाने का आरोप सही पाया गया है.
गौरतलब है कि तत्कालीन डीपीओ केशव कुमार और पूर्व डीइओ ज्योति कुमार पर आरोप था कि उन्होंने 600 से अधिक शिक्षकों को प्रमोशन देकर उन्हें बढ़ाकर वेतन दिया था. जिसके बाद मामले की जांच की गई.
रिपोर्ट के अनुसार, शिक्षा विभाग ने पटना डीइओ को बढ़ा हुआ वेतन अधिक देने पर पैसा वापस लेने का आदेश दिया था. विभाग ने DEO को जुलाई 2020 में इसे लेकर पत्र लिखा था. लेकिन उन्होंने पत्र को दबाए रखा.
वहीं मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व डीइओ ने फरवरी 2021 में जाकर वेतन में बढ़ी हुइ राशि को वापस लेने के लिए पत्र जारी किया. इस विलंब के कारण भी सरकार का काफी अधिक आर्थिक नुकसान हुआ है.