Bihar Teacher News: बिहार में शिक्षा विभाग ने राज्य के विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर और कर्मचारियों के वेतन भुगतान में पारदर्शिता और सुगमता के लिए एक नई प्रणाली शुरू की है. इसके तहत सभी प्रोफेसर और कर्मचारियों का डाटा शिक्षा विभाग के पे-रोल मैनेजमेंट पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य कर दिया गया है.
समयसीमा और वेतन भुगतान नियम
विश्वविद्यालय जो अब तक अपने कर्मचारियों का डाटा पोर्टल पर अपलोड नहीं कर पाए हैं, उन्हें एक सप्ताह के अंदर यह कार्य पूरा करने का निर्देश दिया गया है. यदि किसी प्रोफेसर या कर्मचारी का डाटा अपलोड नहीं किया गया है, तो उनके अक्टूबर-नवंबर माह के वेतन का भुगतान रोका जा सकता है. यह कदम वित्तीय नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है.
कुलसचिवों को निर्देश
शिक्षा विभाग ने राज्य के 15 विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को निर्देशित किया है कि वे न केवल डाटा अपलोड करें, बल्कि जिस प्रोफेसर का वेतन सत्यापन नहीं हुआ है, उसका सत्यापन भी समय पर करें. इसके अतिरिक्त, जिन मदों में वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई गई है, उनके उपयोगिता प्रमाणपत्र भी निर्धारित समय सीमा में जमा करने होंगे.
बजट प्रक्रिया में सुधार
जनवरी से विश्वविद्यालयों को अपने बजट प्रस्ताव को भी शिक्षा विभाग के पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य होगा. विभाग द्वारा केवल ऑनलाइन बजट प्रस्तावों को ही स्वीकार किया जाएगा, और इसके लिए सभी विश्वविद्यालयों को नोडल पदाधिकारी नियुक्त करने का निर्देश दिया गया है ताकि उन्हें ऑनलाइन बजट संबंधी प्रशिक्षण दिया जा सके.
च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम(CBCS) का विस्तार
नए शैक्षणिक सत्र से राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (CBCS) लागू किया जाएगा. यह सिस्टम पहले से ही स्नातक और स्नातकोत्तर के सामान्य पाठ्यक्रमों में लागू है. इस नई व्यवस्था से व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के छात्र-छात्राओं को स्नातकोत्तर की पढ़ाई में एक वर्ष का समय बचेगा.
राजभवन का सहयोग
शिक्षा विभाग ने मई में राज्य के सभी व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में CBCS लागू करने का निर्णय लिया था, और इस प्रस्ताव को विशेषज्ञों की मदद से अंतिम रूप दिया गया था. उच्च शिक्षा निदेशालय और कुलाधिपति कार्यालय की सहमति के बाद राजभवन में कुलपतियों की बैठक में इस पर चर्चा की गई. राज्यपाल एवं कुलाधिपति के निर्देश पर यह निर्णय लिया गया कि CBCS को व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में भी लागू किया जाएगा.