बिहार के सीतामढ़ी जिले में करीब 10 शिक्षकों की नौकरी चली जायेगी. शिक्षा विभाग की ओर से जल्द ही शिक्षकों का नियोजन रद्द होगा. दरअसल, उक्त शिक्षकों की अवैध तरीके से बहाली की गई थी. जांच में अवैध नियोजन की पुष्टि के बाद प्राथमिक शिक्षा के निदेशक ने नगर पंचायत, बैरगनिया के कार्यपालक अधिकारी को पत्र भेजा है, जिसमें जांच रिपोर्ट के आलोक में संबंधित शिक्षकों का नियोजन रद्द करने का आदेश दिया गया है.
डीएम ने निदेशक को भेजी थी रिपोर्ट– बता दें कि पिछले दिनों अवैध नियोजन की मिली शिकायत पर डीएम द्वारा चार सदस्यीय टीम से जांच करा प्राथमिक शिक्षा निदेशक को जांच रिपोर्ट भेजी गई थी. रिपोर्ट की प्रति दो सप्ताह पूर्व नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी को भेज निदेशक ने कार्रवाई का आदेश दिया था. इधर, डीईओ द्वारा भी डीपीओ, स्थापना को जांच रिपोर्ट के आलोक में कार्रवाई को कहा गया था.
हालांकि दोनों के स्तर से कार्रवाई अबतक नदारद है. गौरतलब है कि काफी समय तक यह मामला जिला के विभिन्न कार्यालयों में दबा रहा. यानी शिकायत कर कार्रवाई नही की गई. तब संबंधित व्यक्ति ने विभाग व बिहार मानवाधिकार आयोग से शिकायत की थी. तभी जांच संभव हो सकी है. हालांकि कार्रवाई होना अभी बाकी है.
क्या है नियोजन का यह मामला– बताया गया कि नगर पंचायत, बैरगनिया नियोजन इकाई द्वारा शिक्षक नियोजन में नियमों को ताक पर रख कर किया गया था. सामाजिक विज्ञान के दो रिक्त पद पर रंजीत कुमार व सरोज कुमार के बहाली के बाद छह व अभ्यर्थी क्रमश: शकील अहमद, जितेंद्र कुमार, हरिनंदन कुमार, सुनीता कुमारी, अंचला कुमारी व रामविनय कुमार का नियोजन कर दिया गया था.
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जांच टीम द्वारा जांच के दौरान शिक्षक नियोजन से जुड़ी कागजातों की मांग किए जाने पर नगर पंचायत, बैरगनिया के कार्यपालक पदाधिकारी ने यह कहते हुए उपलब्ध कराने से हाथ खड़ा कर दिया गया था कि वर्ष 2017 की बाढ़ में नियोजन संबधित कागजात नष्ट हो गया है. नियोजन इकाई में नगर पंचायत के सभापति, कार्यपालक पदाधिकारी, शिक्षा समिति के एक सदस्य, डीएम द्वारा मनोनीत अनुसूचित जाति के एक सदस्य व डीपीओ स्थापना शामिल थे