Bihar Teacher: बिहार के शिक्षकों के लिए नया फरमान जारी, बच्चों को ऐसे पुकारने पर होगी कार्रवाई

Bihar Teacher: सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को अब उपनाम और रोल नंबर से नहीं बुलाया जाएगा. शिक्षकों और बच्चों में बेहतर संबंध बनाने को लेकर शिक्षा विभाग ने यह फैसला लिया है. पटना जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने जानकारी दी.

By Abhinandan Pandey | November 14, 2024 2:30 PM
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Bihar Teacher: सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को अब उपनाम और रोल नंबर से नहीं बुलाया जाएगा. शिक्षकों और बच्चों में बेहतर संबंध बनाने को लेकर शिक्षा विभाग ने यह फैसला लिया है. पटना जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने कहा कि कई बार शिक्षक क्लास में बच्चों को रोल नंबर या उनके टाइटल से बुलाते हैं. जिससे बच्चों और शिक्षकों में अपनापन नहीं स्थापित होता है.

बच्चों को अपनापन का होगा एहसास

जब शिक्षक बच्चों को नाम से बुलाएंगे तो बच्चों को भी यह अहसास होगा कि शिक्षक उन्हें घर के सदस्यों की तरह व्यवहार कर रहे हैं. इस तरह के प्रयास से शिक्षक और बच्चों के बीच बेहतर बॉन्डिंग स्थापित होगी. एससीईआरटी की ओर से जारी सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य के करीब 14 हजार केसेज में शिक्षक बच्चों को या तो रोल नंबर या फिर टाइटल से बुलाते हैं.

जो बच्चे क्लास में उपस्थित हैं उन्हीं की बने हाजिरी

जिला शिक्षा पदाधिकारी ने शिक्षकों को निर्देश दिया कि, बच्चे क्लास में उपस्थित रहें तभी उनकी हाजिरी दर्ज की जाए. देर से क्लास में पहुंचने पर उपस्थिति दर्ज नहीं की जाएगी. उपस्थिति दर्ज करते समय क्लास में अपने साथ मॉनिटर को रख सकते हैं.

इसके साथ ही क्लास में पढ़ाने आने से पहले शिक्षकों को पूरी तैयारी के साथ आने को कहा गया है. शिक्षक अपने साथ विषय से जुड़ी किताब, कॉपी और नवाचार के पन्ने रखेंगे. इसके अलावा ब्लैक बोर्ड पर ऐसा लिखें कि सभी बच्चों को स्पष्ट रूप से दिखे.

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शिक्षक और बच्चों के बीच बेहतर बॉन्डिंग स्थापित करना अनिवार्य

पटना जिले के बेहतर बॉन्डिंग को बिल्डअप करने के लिए क्लास रूम के नियमों को पालन करने का निर्देश दिया गया है. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों के साथ ऑनलाइन मीटिंग कर यह निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि, शिक्षक और बच्चों के बीच बेहतर बॉन्डिंग स्थापित करना अनिवार्य है.

बच्चे शिक्षकों का सम्मान करें उनसे डरें नहीं और खुद को क्लास में अलग नहीं रखें. इसके लिए शिक्षकों को रोचक ढंग से क्लास में पढ़ाने का निर्देश दिया गया है. क्लास के एक-एक बच्चे को शिक्षक उनके नाम से जानें और क्लास में उनको उनके नाम से बुलाने को कहा गया है.

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