बिहार में शिक्षकों की छुट्टी से पेंशन तक के मामलों के निपटारे में नहीं होगी देरी, शिक्षा विभाग ने की तैयारी

शिक्षा विभाग ने निर्देश दिया है कि यदि वित्तीय एवं अवकाश से जुड़े मामलों का निपटारा पिक एंड चूज के आधार पर किया गया तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. चिकित्सा प्रतिपूर्ति, मातृत्व अवकाश और सेवानिवृत्ति लाभ आदि के मामलों का निपटारा पहले आओ पहले पाओ के आधार पर करने के आदेश दिए गए हैं.

By Anand Shekhar | July 22, 2024 10:34 PM

Bihar Teacher: शिक्षकों और कर्मचारियों के कुछ वित्तीय आवेदन, जो अनुचित मांग या मंशा के कारण महीनों से सरकारी अलमारी में धूल खा रहे थे, उन्हें स्वीकृति के लिए अचानक एक दिन आगे बढ़ा दिया जाता है. उसी दिन स्वीकृति भी मिल जाती है. इतना ही नहीं, उसी दिन भुगतान भी कर दिया जाता है. ऐसे मामलों की पुष्ट जानकारी मिलने के बाद शिक्षा विभाग ने क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक, जिला शिक्षा व जिला कार्यक्रम पदाधिकारी कार्यालयों को मातृत्व अवकाश, चिकित्सा प्रतिपूर्ति, बकाया वेतन भुगतान व सेवानिवृत्ति लाभ के भुगतान के लिए पिक एंड चूज के आधार पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है.

आदेश के अनुसार संबंधित मामलों का निबटारा फर्स्ट कम – फर्स्ट आउट के आधार पर किया जाये. अगर इस मामले में कोई लापरवाही की गयी तो सख्त विभागीय कार्रवाई की जायेगी. विभाग ने आधिकारिक तौर पर संबंधित पदाधिकारियों को सोमवार को ही चिठ्ठी जारी कर दी है.

मनमाने तरीके से निपटारा करने पर सख्त कार्रवाई

पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर किए जा रहे निपटारे के क्रम में यदि कोई व्यवधान होता है तो उसका कारण पंजी में दर्ज करना होगा. यदि जारी आदेश की अनदेखी कर मनमाने तरीके से आवेदनों का निपटारा किया जाता है तो संबंधित पदाधिकारी के विरुद्ध दंडात्मक एवं विभागीय कार्रवाई की जाएगी.

डीइओ और डीपीओ कार्यालय से कर्मचारी नहीं लगायेंगे आवेदक को फोन

विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय/जिला प्रोग्राम कार्यालय का कोई भी कर्मी यथा लिपिक/प्रधान लिपिक इत्यादि आवेदक से दूरभाष या मोबाइल पर बात नहीं करेंगे. केवल जिला शिक्षा पदाधिकारी/जिला कार्यक्रम पदाधिकारी एवं आवेदक ही आवश्यकता पड़ने पर एक दूसरे से बात कर सकते हैं. विभाग ने आवेदक शिक्षक/शिक्षकेतर कर्मचारी को निर्देश दिया है कि यदि वे अनावश्यक रूप से डीईओ या डीपीओ कार्यालय जाते हैं तो उनके विरुद्ध समुचित कानूनी एवं विभागीय कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी.

आवेदक सबसे पहले बीईओ कार्यालय में दें आवेदन

विभाग की ओर से सभी क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक, डीईओ व डीपीओ को कहा गया है कि वे अपने अधीनस्थ कार्यरत व सेवानिवृत्त शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को कहें कि वे अपने सेवा/सेवानिवृत्ति लाभ से संबंधित सभी प्रकार के आवेदन सबसे पहले संबंधित प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में जमा करें. वहां उनका निबंधन किया जाए. संबंधित पंजी में आवेदक का नाम, पता व आधार, आवेदन की तिथि, आवेदन का विषय तथा प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय से डीईओ/डीपीओ कार्यालय को अग्रसारित करने की तिथि दर्ज की जाए.

इसी तर्ज पर डीईओ व डीपीओ कार्यालय में भी एक पंजी होगी. उसमें यह लिखना होगा कि आवेदन किस प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में कब आया, नाम व पता, आवेदन का विषय तथा किस तिथि को आवेदन का निपटारा हुआ.

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मामलों के निबटारे में की जा रही थी मनमानी

दरअसल विभाग के संज्ञान में आया है कि मातृत्व अवकाश , चिकित्सा प्रतिपूर्ति और पेंशनादि के मामलों में अधिकारी और उनके कार्यालय कर्मी अपने मनमर्जी से मामलों को निबटारा कर रहे हैं. मामलों के समाधान के लिए कोई सिस्टम नहीं हैं. आवेदनों को लंबे समय तक विशेष मंशा के चलते लटका कर रखा जा रहा है.

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