Bihar Teacher Transfer: क्या एक ही स्कूल में होगी पति-पत्नी की नियुक्ति? शिक्षा विभाग में मंथन जारी

Bihar Teacher Transfer: बिहार में शिक्षकों के ट्रांसफर के लिए बन रही पॉलिसी को लेकर जो जानकारी सामने आ रही है. उसके अनुसार शिक्षक पति-पत्नी की एक ही स्कूल में नियुक्ति नहीं की जाएगी. वहीं शिक्षा विभाग तबादले के योग्य गंभीर बीमारियां तय नहीं कर पा रहा है.

By Anand Shekhar | September 25, 2024 10:39 PM

Bihar Teacher Transfer: बिहार में शिक्षक ट्रांसफर पॉलिसी का मैराथन काउंट-डाउन 85 दिनों से जारी है. सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की तबादला /पदस्थापना पॉलिसी तैयारी की गुत्थियां उलझती जा रही हैं. पॉलिसी के संदर्भ में छन कर आ रही तैयारियों में साफ हो गया है कि शिक्षक पति-पत्नी को एक ही स्कूल में नियुक्ति नहीं दी जायेगी. इसमें तमाम तरह की व्यावहारिक दिक्कतें खड़ी हो सकती हैं. उन्हें एक ग्राम पंचायत में नियुक्ति या पदस्थापना दी जा सकती है. हालांकि समिति को अभी अंतिम निर्णय लेना है.

जरूरी आंकड़ों का अभाव बन रही चुनौती

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार पॉलिसी तैयारी के लिए जरूरी आंकड़ों का अभाव में बड़ी चुनौती साबित हो रहा है. अव्वल तो शिक्षा विभाग के पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है, जिससे यह पता चले कि यह शिक्षक-शिक्षका पति-पत्नी (दंपत्ति) हैं. यह आंकड़ा नियोजन के दौरान हासिल ही नहीं किया जा सकता है. मंथन में यह भी बात निकली कि शिक्षक पति-पत्नी का आंकड़ा ले भी लिया गया तो उसकी सत्यता स्थापित करना और भी कठिन और श्रम साध्य चुनौती बन जायेगा. दस्तावेजों के जरिये इस संबंध को निर्धारित करना कठिनाई की बात होगी. यह देखते हुए कि मैरिज सर्टिफिकेट भी बनवाने होंगे.

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नहीं तय हो पा रही तबादले योग्य गंभीर बीमारियां

विभागीय समिति के पास दूसरी चुनौती तबादले के लिए जरूरी कठिन बीमारी तय करना है. दरअसल विभाग शीर्ष स्तर पर यह बात कह चुका है कि गंभीर बीमारियों से पीड़ित शिक्षकों को उनके मनचाहे या उनके लिए आसान पहुंच वाले स्कूलों में पदस्थापित किया जा सकता है. सामान्य तौर पर बिहार सरकार ने मेडिकल टर्म में 19 तरह की बीमारियों को गंभीर मान कर रख रखा है. जबकि विभागीय समिति की चिंता यह है कि पढ़ाई में दिक्कत वाली बीमारियां जरूरी नहीं है कि 19 बीमारियों में आती हों. उदाहरण के लिए चलने फिरने में दिक्कत सरकारी गंभीर बीमारियों की सूची में नहीं आती है. ऐसे में शिक्षा विभाग के लिए चुनौती गंभीर बीमारियों को परिभाषित करना है.

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