Bihar: स्कूलों में बच्चों को लड़का-लड़की कहकर नहीं बुला पाएंगे गुरूजी, NCERT करने जा रही है बड़ा बदलाव

स्कूलों में लैंगिक भेदभाव कम करने और ट्रांसजेंडर को समानता देने के लिए बड़े बदलाव की योजना तैयार की गयी है. इसके तहत स्कूलों में लड़के या लड़की के संबोधन के बजाय छात्र या बच्चों जैसे लिंग समावेशी भाषा या शब्दों का इस्तेमाल किया जायेगा. इसको लेकर NCERT ने नया माड्यूल तैयार किया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 22, 2023 5:20 AM

धनंजय पांडेय, मुजफ्फरपुर

स्कूलों में लैंगिक भेदभाव कम करने और ट्रांसजेंडर को समानता देने के लिए बड़े बदलाव की योजना तैयार की गयी है. इसके तहत स्कूलों में लड़के या लड़की के संबोधन के बजाय छात्र या बच्चों जैसे लिंग समावेशी भाषा या शब्दों का इस्तेमाल किया जायेगा. इसको लेकर राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने नया माड्यूल तैयार किया है. इसमें कहा गया है कि स्कूलों में जब हम किसी छात्र को लड़के या लड़की के नाम से संबोधित करते हैं, तो अनजाने में ही ट्रांसजेंडर छात्रों के साथ शुरुआत में ही भेदभाव हो जाता है.

ट्रांसजेंडर को लेकर दिशा-निर्देश जारी

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की सिफारिशों के तहत एनसीइआरटी ने ट्रांसजेंडर को लेकर स्कूलों में उपयोग के लिए दिशा-निर्देश जारी किया है. इसमें शिक्षकों व स्कूल प्रबंधन के साथ ही राज्यों के लिए लिए अलग-अलग सुझाव व दिशा-निर्देश है. एनसीइआरटी विशेषज्ञों की टीम ने लिंग निरपेक्षता पर जोर दिया है. इसमें संबोधन या नाम पुकारने में अभद्र भाषा और शब्दों के प्रयोग करने पर रोक लगाने का भी निर्देश दिया गया है. एनसीइआरटी के जेंडर स्टडीज विभाग की ओर से गठित 16 सदस्यीय समिति ने माड्यूल तैयार किया है, जिसमें लिखा है कि आम बच्चों की तरह ट्रांसजेंडर बच्चों को भी समाज में अच्छी शिक्षा का अधिकार है. इसलिए उन्हें भी बिना किसी भेदभाव के शिक्षा मिलनी चाहिए.

जेंडर न्यूट्रल यूनिफॉर्म लागू करने का सुझाव

एनसीइआरटी ने देशभर के स्कूलों में जेंडर न्यूट्रल यूनिफॉर्म लागू करने का सुझाव दिया है. यह स्टूडेंट्स को किसी एक जेंडर तक सीमित नहीं करता है. इस तरह का यूनिफॉर्म लड़के और लड़कियों या फिर ट्रांसजेंडर स्टूडेंट्स के बीच अलगाव को खत्म करता है. इससे ये संदेश जाता है कि इंसान फिर वह लड़का-लड़की हो या ट्रांसजेंडर सब एक ही है. केरल के कोझिकोड़ में 2020 में पहली बार जेंडर न्यूट्रल यूनिफॉर्म को लागू किया गया था. मैनुअल में यह भी कहा गया है कि कुछ स्टूडेंट्स की यानी खासतौर पर छठी क्लास से ऊपर के बच्चों का कपड़ों को लेकर अपनी च्वाॅइस होती है. स्कूल यूनिफॉर्म को लेकर तो और भी ज्यादा. वे किसी खास तरह के ड्रेस में कंफर्टेबल फील नहीं करते हैं.

आवेदन व सर्टिफिकेट में जुड़ेगा ट्रांसजेंडर

एनसीइआरटी की ओर से कहा गया है कि सभी तरह के आवेदन पत्रों व पाठ्यक्रमों के प्रमाणपत्रों में ट्रांसजेंडर श्रेणी को शामिल किया जाये. उनके लिए छात्रवृत्ति का प्रावधान करने के साथ ही स्वास्थ्य व देखरेख पर विशेष ध्यान दिया जाये. ट्रांसजेंडर श्रेणी के छात्रों की मदद के लिए प्रशिक्षित काउंसलर तैनात करने का भी सुझाव दिया जायेगा. साथ ही उन्हें विशेष तौर पर स्थानीय और राष्ट्रीय आपात हेल्पलाइन नंबर की जानकारी देने को कहा गया है.

ट्रांसजेंडर से तिरंगा फहराने की सिफारिश

ट्रांसजेंडर वर्ग के छात्रों को आगे बढ़ाने के लिए आम छात्रों के साथ ही शिक्षकों और समाज में जागरूकता जरूरी है. एनसीइआरटी की ओर से कहा गया है कि ट्रांसजेंडर को स्वतंत्रता दिवस जैसे कार्यक्रम में तिरंगा फहराने के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए. इसके साथ ही ट्रांसजेंडर दिवस मनाने का भी सुझाव दिया गया है.

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