पटना. गंगा नदी पर पटना जिले के शेरपुर से सारण के दिघवारा तक शेरपुर-दिघवारा सिक्सलेन पुल से होकर वर्ष 2026 में आवागमन शुरू होने की संभावना है. यह पटना रिंग रोड एनएच-131जी का महत्वपूर्ण हिस्सा है. दक्षिणी छोर शेरपुर में एनएच-30 से यह शुरू होगा और दिघवारा में एनएच-19 पर समाप्त होगा. पटना शहर में गंगा नदी पर यह पांचवां पुल होगा. हाल ही में इसके निर्माण कार्यों का एनएचएआई के अधिकारियों ने निरीक्षण किया है. साथ ही ठेकेदारों को गुणवत्ता के साथ पुल का निर्माण तय सीमा पर पूरा करने का निर्देश दिया है. इस पुल का एप्रोच सहित करीब 14.52 किमी लंबाई में करीब 3012 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा है.
कम हो जायेगी बिहटा एयरपोर्ट की दूरी
सूत्रों के अनुसार इस पुल के बनने से पटना जिले का सारण जिले से सीधा संपर्क हो जायेगा. साथ ही सारण, सीवान और गोपालगंज से पटना की दूरी बहुत कम हो जायेगी, वहीं एक नया वैकल्पिक मार्ग भी मिल जायेगा. पटना से छपरा की दूरी एक घंटे में तय हो सकेगी. इसके साथ ही छपरा से निर्माणाधीन बिहटा एयरपोर्ट की दूरी करीब 40 किमी तक कम हो जायेगी. बिहटा-सरमेरा मार्ग के माध्यम से दक्षिण और पूरब से आने वाले ट्रैफिक को उत्तर की ओर जाने के लिए एक अतिरिक्त मार्ग भी मिल जायेगा. इस पुल का निर्माण करने वाली एजेंसी ही अगले दस वर्षों तक इस पुल का रखरखाव भी करेगी. इस पुल के बनने से इन सारण, सीवान और गोपालगंज जिले के लोगों को शीतलपुर, सोनपुर या हाजीपुर की ओर आने की जरूरत नहीं पड़ेगी. वे दिघवारा से पुल के माध्यम से शेरपुर पहुंचकर पटना आ सकेंगे.
जमीन अधिग्रहण में समस्या
सूत्रों के अनुसार एप्रोच सहित इस पुल के निर्माण के लिए सारण जिला में जमीन अधिग्रहण के लिए मुआवजे को लेकर समस्या सामने आई है. सरकार वहां जमीन का मुआवजा कृषि भूमि के रूप में दे रही है, जबकि जमीन मालिक आवासीय जमीन बताकर उस दर से मुआवजा मांग रहे हैं. इधर, हाइकोर्ट ने राज्य में बनने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग मामले पर बुधवार के दौरान कहा कि एनएच के निर्माण में आ रही हर बाधा को जल्द दूर किया जाये .मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति हरीश कुमार की खंडपीठ ने राज्य में बन रहे राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण और उसकी प्रगति को लेकर दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त बातें कहीं .