Bihar: पटना. पटना की सड़कों पर डीजल वाली सिटी बस और ऑटो के परिचालन पर रोक लगने के बाद अब डीजल से चलने वाली स्कूल बसों की बारी है. डीजल वाली स्कूल बसों की भी छुट्टी की तारीख सामने आ गई है. राजधानी की सड़कों पर वायु प्रदूषण को कम करने के लिए डीजल से चलने वाली स्कूल बसों को बैन करने की तैयारी चल रही है. पटना नगर निगम के साथ ही फुलवारी शरीफ, खगौल और दानापुर नगर परिषद् क्षेत्र में डीजल से चलने वाली स्कूल बसों पर रोक लगा दी गई है.
एक सितंबर से लगेगा बैन
डीजल से चलने वाली बसों, मिनी बसों और स्कूल बसों को सीएनजी व इलेक्ट्रिक वाहन के रूप में 31 अगस्त तक बदलना होगा. एक सितंबर से डीजल से चलने वाली बसों पर पूरी तरह रोक रहेगी. इसको लेकर परिवहन विभाग ने फरवरी में निर्देश दिया था, जिसमें कहा गया था कि पटना नगर निगम और दानापुर नगर परिषद, खगौल नगर परिषद, फुलवारीशरीफ परिषद क्षेत्र की सीमा में डीजल बसों, मिनी बसों और स्कूल बसों पर रोक लग जायेगी. विभाग ने दोबारा बैठक कर बुधवार को भी दिशा-निर्देश जारी किया.
इन मार्गों पर मिलेगी अभी छूट
विभाग ने कहा है कि उन वाहनों पर प्रतिबंध नहीं होगा, जो वैध परमिट के तहत पटना नगर निगम, दानापुर, खगौल और फुलवारीशरीफ नगर परिषद क्षेत्र के अधिसूचना मार्ग को छोड़कर अन्य अधिसूचित मार्ग पर मुख्य रूप से भी चलते है और पटना के शहरी क्षेत्रों से गुजरते है या जिनकी शहरी क्षेत्र की परिसीमा में स्थित बस स्टैंड पर उनका सिर्फ यात्रियों को सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से उपयोग होता है.
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केवल स्कूलों में है 1100 डीजल बसें
फिलहाल राजधानी में डीजल वाली सिटी बसों और ऑटो के परिचालन पर पहले ही रोक लग चुकी है. इस रोक से अब तक स्कूल बस और सरकारी गाड़ियां वंचित थे, लेकिन स्कूल बस को भी इस रोक का हिस्सा बना दिया गया है. फिलहाल पटना में पटना, फुलवारी, खगौल और दानापुर में करीब 1100 डीजल वाली स्कूली बसें चल रही हैं. ये बसें शहर के हर गली मोहल्ले में धुआं फैलाते हुए गुजरती हैं. हालांकि अभी जुर्माने का निर्धारण नहीं हुआ है.