Bihar: पटना. दधिचि देहदान समिति और मां वैष्णो देवी सेवा समिति के संरक्षक रहे सुशील कुमार मोदी अपना देहदान नहीं कर सकेंगे. कैंसर के कारण मेडिकल छात्रों की पढ़ाई या मरीजों के लिए उनके अंग नहीं लिए जा सकेंगे. बिहार में अंगदान व देहदान को बढ़ावा देने के लिए सुशील मोदी ने अथक प्रयास किये थे, उप मुख्यमंत्री के रूप में उनके शपथ लेने के बाद उनकी सक्रियता से नेत्रदान देहदान बढ़ा था. इस क्रम में उन्होंने अपने शरीर को भी दान करने का संकल्प लिया था. कैंसर जैसी बीमारी से हुई मौत के कारण उनकी देहदान की इच्छा अधुरी रह गयी और उनका यह संकल्प पूरा नहीं हो पाया.
दीघा घाट पर होगा अंतिम संस्कार
सुशील मोदी का अंतिम संस्कार पटना के दीघा घाट पर होगा. शाम छह बजे उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा. दिल्ली से उनका पार्थिव शरीर दोपहर बाद 1 बजे पटना एयरपोर्ट पहुंचेगा. उसके बाद उनके पार्थिव शरीर को राजेंद्र नगर स्थित आवास पर ले जाया जायेगा. 3 बजे विजय निकेतन, संघ कार्यालय और शाम चार बजे विधानसभा परिसर में उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा जायेगा. 4 बजकर 30 मिनट पर भाजपा कार्यालय पहुंचने के बाद से शव यात्रा दीघा घाट के लिए रवाना होगी.
राजनीति से लेना चाहते थे संन्यास
पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भारत विकास विकलांग न्यास के रजत जयंती वर्ष समारोह के अवसर पर राजनीति से संन्यास लेने की इच्छा प्रकट की थी. उन्होंने कहा था कि मैं 72 वर्ष का हो गया हूं. जीवन के अंतिम समय तक राजनीति में कोई काम नहीं कर सकता. आप चाहेंगे तो भी लोग काम करने नहीं देंगे, इसलिए मैंने राजनीति से रिटायरमेंट के बाद समाजसेवा का काम चुन लिया है. उन्होंने कहा कि थी दधीचि जैसी संस्थाओं से जुड़ कर मैं देहदान, अंगदान, रक्तदान तथा दिव्यांगता के क्षेत्र में काम कर रहा हूं. इन सामाजिक कार्यों को जीवन के अंतिम क्षण तक करने से कोई रोक नहीं सकता.