Happy Birthday Bihar : 112 वर्षों में बिहार ने लगायी मानव विकास सूचकांक में बड़ी छलांग, पीछे छूटे राष्ट्रीय औसत
बिहार आज 112 वर्ष का हो गया. पिछले 112 वर्षों में बिहार ने कई उपलटधियां हासिल की हैं. कई मामलों में बिहार का औसत राष्ट्रीय औसत से बेहतर है. खासकर स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे मामले में बिहार ने उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है.
पटना. 1912 में बंगाल प्रांत से बिहार अलग हुआ. 22 मार्च को इसकी घोषणा हुई और एक अप्रैल से यह प्रभाव में आया. इसी के साथ बिहार के विकास की शुरुआत हुई. 1936 में ओड़िशा के हिस्सेको बिहार से अलग करने और 2000 ई में झारखंड के रूप में खनिज, उद्योग और वन संपदा से संपन्न लगभग 40 फीसदी क्षेत्र के अलग होने के बावजूद बिहार का विकास रुका नहीं और यह लगातार इस पथ पर आगे बढ़ता रहा है. इसी का नतीजा है कि आज मानव विकास सूचकांक के कई पैमानों पर यह राष्ट्रीय औसत से भी ऊपर है.
राष्ट्रीय औसत से भी नीचे आयी राज्य की शिशु मृत्यु दर
कभी स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के कारण काफी ऊंची शिशु मृत्यु दर के संकट से जूझ रहे राज्य में आज शिशु मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत के नीचे पहुंच चुका है. इसी तरह कुछ वर्ष पहले तक साक्षरता की दृष्टि से भारतीय राज्यों में अंतिम पायदान पर खड़ेबिहार में आज साक्षरता दर राष्ट्रीय औसत से ऊपर पहुंच चुका है. बिहार के लोगों की औसत आयु भी बढ़कर 69.1 वर्ष हो गयी है जो राष्ट्रीय औसत 69.4 के लगभग करीब पहुंच चुकी है.
स्वास्थ्य सुविधाओं में हुआ विस्तार
बीते एक दशक में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के कारण राज्य में शिशु मृत्युदर में काफी कमी आयी है. 2016 में प्रति एक हजार शिशु में यह आंकड़ा 38 था. वर्ष 2020 में यह घट कर 27 पर पहुंच गया. जबकि इसी वर्ष राष्ट्रीय औसत 28 था.
साक्षरता दर राष्ट्रीय औसत से ऊपर निकली
आज से 13 वर्ष पहले वर्ष 2011 के जनगणना में बिहार की साक्षरता दर 63.8 (पुरुष 71.20 और महिला 51.50) फीसदी थी जबकि राष्ट्रीय औसत 74.4 (पुरुष 82.1 और महिला 65.5) पर पहुंच चुकी थी. कुछ समय पहले शिक्षा राज्य मंत्री ने अन्नपूर्णा देवी ने संसद में जो आंकड़े प्रस्तुत किये थे, उसमें भी साक्षरता की दृष्टि से बिहार राज्यों में अंतिम पायदान पर दिख रखा था. एनएसओ के सर्वे में यह 70.09 फीसदी पर पहुंच कर निचले पायदान से तीन रैंक ऊपर बढ़ा जबकि बीते वर्ष करायी गयी जाति और आर्थिक गणना में राज्य की साक्षरता दर राष्ट्रीय साक्षरता दर से ऊपर निकल गयी. बिहार में वर्तमान में 79.7 फीसदी साक्षरता है जो एनएसओ के द्वारा जारी अद्यतन रिपोर्ट के लगभग 77 फीसदी राष्ट्रीय साक्षरता से ऊपर है.