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बिहार: सड़क दुर्घटना में मौत पर 5 लाख व घायलों को ढाई लाख रुपये का मिलेगा मुआवजा, दुर्घटना वाली गाड़ियों के लिए भी बदलेंगे नियम

परिवहन विभाग बिहार मोटर गाड़ी संशोधन नियमावली, 2021 तैयार कर रहा है. इस नियमावली के बाद सड़क दुर्घटना में मरने वालों के परिजनों को पांच लाख व गंभीर रूप से घायलों को ढाई लाख रुपये दिये जायेंगे.परिवहन विभाग ने नियमावली का ड्राफ्ट जारी कर दिया है. विभागीय वेबसाइट पर नियमावली से संबंधित आपत्ति, सुझाव 30 दिनों तक दिया जा सकता है. इसके बाद नियमावली लागू कर दी जायेगी. वहीं, आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से सड़क दुर्घटना में चार लाख मुआवजा राशि दी जाती है. लेकिन परिवहन विभाग की नियमावली लागू होने पर दुर्घटना पीड़ितों को आपदा प्रबंधन या किसी विभाग या प्राधिकार के स्तर पर किसी भी योजना के अंतर्गत कोई मुआवजा नहीं मिलेगा.

परिवहन विभाग बिहार मोटर गाड़ी संशोधन नियमावली, 2021 तैयार कर रहा है. इस नियमावली के बाद सड़क दुर्घटना में मरने वालों के परिजनों को पांच लाख व गंभीर रूप से घायलों को ढाई लाख रुपये दिये जायेंगे.परिवहन विभाग ने नियमावली का ड्राफ्ट जारी कर दिया है. विभागीय वेबसाइट पर नियमावली से संबंधित आपत्ति, सुझाव 30 दिनों तक दिया जा सकता है. इसके बाद नियमावली लागू कर दी जायेगी. वहीं, आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से सड़क दुर्घटना में चार लाख मुआवजा राशि दी जाती है. लेकिन परिवहन विभाग की नियमावली लागू होने पर दुर्घटना पीड़ितों को आपदा प्रबंधन या किसी विभाग या प्राधिकार के स्तर पर किसी भी योजना के अंतर्गत कोई मुआवजा नहीं मिलेगा.

जमा की जायेगी राशि

सड़क दुर्घटना के कारण व्यक्ति की मृत्यु की स्थिति में मृतक के आश्रित को या गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को तात्कालिक रूप से अंतरिम मुआवजा भुगतान के लिए बिहार सड़क सुरक्षा परिषद की ओर से 50 करोड़ की राशि जमा की जायेगी. जो राशि बिहार वाहन दुर्घटना सहायता निधि के रूप में जानी जायेगी. निधि की राशि खत्म होने पर सरकार समय-समय पर अतिरिक्त राशि उपलब्ध करायेगी. यानी राशि रिवॉल्विंग फंड के रूप में उपयोग किया जायेगा.

प्रमाणित करने की आवश्यकता नहीं होगी

दुर्घटना होने पर दावा जांच पदाधिकारी संबंधित थानाध्यक्ष,स्थानीय पीएचसी प्रभारी या चिकित्सा अधिकारी, स्थानीय जिला परिवहन पदाधिकारी दुर्घटना की पुष्टि करेंगे . इसमें यह प्रावधान भी किया गया है कि मृतक के आश्रित अथवा घायल व्यक्ति को यह प्रमाणित करने की आवश्यकता नहीं होगी कि यह गाड़ी चालक की भूल के कारण दुर्घटना हुई है. अनुमंडल पदाधिकारी मृत्यु की स्थिति में मृतक के आश्रित या गंभीर रूप से घायल को अंतरिम मुआवजा भुगतान की अनुशंसा करेंगे. इसके मूल्यांकन पदाधिकारी जिलाधिकारी होंगे जो पैसा देने की मंजूरी प्रदान करेंगे. डीएम की अनुशंसा पर जिला परिवहन पदाधिकारी संबंधित व्यक्ति को भुगतान सुनिश्चित करेंगे.

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60 दिनों के भीतर होगा मामले का निबटारा

नियमावली में विवाहित होने की स्थिति में मृतक के पति या पत्नी, पति-पत्नी के नहीं रहने पर माता-पिता और माता-पिता के नहीं रहने पर पुत्र एवं पुत्री समान रूप से राशि पाने के हकदार होंगे. विवाहित व्यक्ति में अगर माता -पिता या पुत्र नहीं हुए तो बहन व भाई समान रूप से हकदार होंगे. अधिकतम 60 दिनों में पूरे मामल का निबटारा कर लिया जायेगा.

राशि वसूली के लिए हर जिले में होंगे नोडल पदाधिकारी

नियमावली में यह भी प्रावधान किया गया है कि दुर्घटना वाली गाड़ियों के बीमा होने पर संबंधित बीमा कंपनियों से मुआवजा की राशि सरकार प्राप्त करेगी. बीमा कंपनियों से सरकार को मौत होने पर दो लाख व घायल होने पर 50 हजार मिलेंगे. राशि की सुनिश्चित वसूली के लिए हर जिले में एक नोडल पदाधिकारी नियुक्त होंगे, जो बीमा कंपनियों से सामंजस्य स्थापित करेंगे. अधिकारियों के अनुसार सड़क दुर्घटना होने पर बीमा कंपनियों की ओर से भुगतान में टालमटोल किया जाता है, इसलिए सरकार के स्तर पर यह प्रावधान किया जा रहा है.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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