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विभागीय चूक से बिगड़ा बिहार के खजाने का हिसाब, गड़बड़ी उजागर होते ही अलर्ट किया गया जारी

पटना: राज्य की पूरी वित्तीय प्रणाली सीएफएमएस के माध्यम से ऑनलाइन हो गयी है. परंतु इसमें कभी-कभी कुछ विभागों की लापरवाही की वजह से बड़ी समस्या खड़ी हो जाती है. हाल में कुछ विभागों ने इधर की राशि उधर जमा कर दी. यानी एक मद की राशि दूसरे में जमा कर दी और साथ ही जिस मद से पैसे निकालने चाहिए थे, उसे छोड़कर दूसरे मद से रुपये की निकासी कर ली है. इस वजह से खजाने में रुपये का पूरा हिसाब ही गड़बड़ हो गया. किसी मद में जमा राशि से ज्यादा राशि की निकासी हो गयी.

By Prabhat Khabar News Desk | August 12, 2020 7:38 AM

पटना: राज्य की पूरी वित्तीय प्रणाली सीएफएमएस के माध्यम से ऑनलाइन हो गयी है. परंतु इसमें कभी-कभी कुछ विभागों की लापरवाही की वजह से बड़ी समस्या खड़ी हो जाती है. हाल में कुछ विभागों ने इधर की राशि उधर जमा कर दी. यानी एक मद की राशि दूसरे में जमा कर दी और साथ ही जिस मद से पैसे निकालने चाहिए थे, उसे छोड़कर दूसरे मद से रुपये की निकासी कर ली है. इस वजह से खजाने में रुपये का पूरा हिसाब ही गड़बड़ हो गया. किसी मद में जमा राशि से ज्यादा राशि की निकासी हो गयी.

हजारों करोड़ रुपये इधर से उधर जमा हो गये

सीएफएमएस (कॉम्प्रेहेंसिव फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम) ने इसे गड़बड़ी के रूप में उजागर करते हुए अलर्ट जारी करना शुरू कर दिया. शुरुआत में तो लगा कि किसी तरह की वित्तीय अनियमितता हो गयी है, लेकिन बाद में जांच करने पर पूरी स्थिति स्पष्ट हुई है. इसमें हजारों करोड़ रुपये इधर से उधर जमा हो गये.

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इन विभागों के कारण हुई गड़बड़ी

इस तरह की गड़बड़ी भवन निर्माण विभाग, जल संसाधन, ग्रामीण कार्य विभाग, पथ निर्माण, लघु जल संसाधन, योजना एवं विकास, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन, पीएचइडी समेत अन्य वर्क और इंजीनियरिंग विभागों के कार्य प्रमंडलों के स्तर पर हुई है.

सुधार करने का आदेश किया गया जारी

इसके मद्देनजर वित्त विभाग ने संबंधित विभागों को पत्र लिखकर इस मामले में तुरंत सुधार करने का आदेश जारी किया है. कुछ जिलों इस तरह की गलती ज्यादा पायी गयी, जहां के कोषागार पदाधिकारियों को भी इसमें सुधार करने का खासतौर से आदेश दिया गया है. इसमें मुजफ्फरपुर, सीवान, सीतामढ़ी, मुंगेर और दरभंगा शामिल हैं.

वित्त विभाग ने एकाउंट को सुधारने के लिए कहा

वित्त विभाग ने सभी संबंधित जिलों और विभागों को खासतौर से योजनाओं से संबंधित एकाउंट को सुधारने के लिए कहा है. ताकि सीएफएमएस में इससे संबंधित आ रही गड़बड़ी जल्द दूर हो सके और वित्तीय लेनदेन का हिसाब खजाने में सही रूप से प्रदर्शित हो सके.

Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya

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