बिहार के शहरी बच्चों की हिंदी में पकड़ राष्ट्रीय औसत से बेहतर, ग्रामीण बच्चे तुलना में अभी कुछ पीछे

राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे की 2021 की रिपोर्ट के अनुसार बिहार के गांवों की तुलना में शहरी बच्चों की हिंदी भाषा पर पकड़ अच्छी है. वे अच्छी हिंदी लिख और पढ़ पाते हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 15, 2022 5:51 AM

बिहार के गांवों की तुलना में शहरी बच्चों की हिंदी भाषा पर पकड़ अच्छी है. वे अच्छी हिंदी लिख और पढ़ पाते हैं. राष्ट्रीय स्तर की तुलना में भी बिहार के शहरी स्कूलों के बच्चों का प्रदर्शन हिंदी में बेहतर रहा है. यह जानकारी राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे की 2021 की रिपोर्ट में साझा की गयी है. यह निष्कर्ष कक्षा तीन, पांच और आठ के स्कूली बच्चों के प्रदर्शन पर आधारित है. राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे के मुताबिक कक्षा तीन में पढ़ने वाले बिहार के 65% शहरी बच्चों ने भाषा संबंधी प्रश्नों के सही उत्तर दिये. इसमें राष्ट्रीय औसत चार फीसदी कम 61% है. बिहार के ग्रामीण स्कूलों के बच्चों का सही जवाब देने का औसत 58% है. सही जवाब देने का ग्रामीण क्षेत्रों का राष्ट्रीय औसत 62% है. तुलनात्मक रूप में देखें ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में सात फीसदी अधिक शहरी बच्चों ने सही जवाब दिये थे.

इसी कक्षा में राष्ट्रीय सर्वे रिपोर्ट में जेंडर के हिसाब से भी आकलन किया गया. भाषा विषय पर बिहार के कक्षा तीन के लड़के और लड़कियां दोनों के सही उत्तर देने का अनुपात बराबर-बराबर है. दोनों ने 59-59% उत्तर सही दिये. इस ग्रुप की लड़के और लड़कियों का राष्ट्रीय प्रदर्शन औसत क्रमश: 61 और 63% रहा है. हालांकि संपूर्ण परिप्रेक्ष्य में भाषा विषय में बिहार के कक्षा तीन के बच्चों के प्रदर्शन 59% रहा. जबकि इसका राष्ट्रीय औसत 62% था. बिहार के 33% बच्चों का प्रदर्शन औसत से कम और 32% रहा.

प्राइवेट स्कूलों के बच्चों की भाषा राष्ट्रीय औसत से बेहतर

प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों के कक्षा तीन में पढ़ने वाले बच्चों की हिंदी उसके राष्ट्रीय औसत से अधिक है. प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों के 67% बच्चों ने सही उत्तर दिये. जबकि इसका राष्ट्रीय औसत 62% है.

सामाजिक वर्ग के हिसाब से हिंदी में बच्चों का प्रदर्शन

कक्षा तीन तक के एससी और एसटी के बच्चों की हिंदी पिछड़ा वर्ग और सामान्य बच्चों की तुलना में कुछ कमतर है. एससी और एसटी के 58%, पिछड़ा वर्ग के 59% और सामान्य वर्ग के 60% बच्चों ने हिंदी भाषा से जुड़े सही उत्तर दिये. हालांकि इन सभी वर्गों में सही उत्तर देने वाले बच्चों का राष्ट्रीय औसत अधिक रहा.

कक्षा पांच की अचीवमेंट रिपोर्ट

बिहार के कक्षा पांच के स्कूली बच्चों का हिंदी में पकड़ राष्ट्रीय औसत प्रतिशत में के करीब-करीब बराबर. इस वर्ग के 54% बच्चों की हिंदी अच्छी है. इसका राष्ट्रीय प्रतिशत 55 है. कक्षा पांच में पढ़ रहे छात्रों की हिंदी राष्ट्रीय औसत 54% के बराबर रहा. छात्राओं का प्रतिशत भी 54 रहा. जबकि इसका राष्ट्रीय औसत 56% रहा. कक्षा पांच के शहरी बच्चों की हिंदी भी राष्ट्रीय औसत से अधिक है. बिहार के शहरी बच्चों का यह प्रतिशत 59 है. इनका राष्ट्रीय औसत महज 56% है. हालांकि इस मामले में ग्रामीण औसत, राष्ट्रीय ग्रामीण औसत से कम है.

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कक्षा आठ पर आधारित रिपोर्ट

कक्षा आठ में भाषा मसलन हिंदी में बिहार के शहरी बच्चों का प्रदर्शन राष्ट्रीय औसत से बेहतर है. राष्ट्रीय औसत 58% की तुलना में 63% शहरी बच्चों की हिंदी अच्छी है. इस वर्ग में बिहार के प्राइवेट स्कूलों के बच्चों की हिंदी राष्ट्रीय औसत 60% से अधिक 66% है.

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