बिहार विधान परिषद लंबे अरसे बाद फुल स्ट्रेंथ में, डॉक्टर व इंजीनियर समेत 10वीं से कम योग्यता वाले भी MLC
बिहार विधान परिषद में अगले सप्ताह नये सदस्यों को सदन की सदस्यता दिलायी जायेगी. विधान परिषद की सभी 75 सीटें भर गयी हैं और लंबे अरसे बाद सदन फुल स्ट्रेंथ में आयी है. जानिये कितने शिक्षित हैं उम्मीदवार
मिथिलेश,पटना: अरसे बाद विधान परिषद हाउसफुल हो गया है. परिषद की सभी 75 सीटें भर गयी हैं. उम्मीद है कि अगले सप्ताह नये 24 सदस्यों को सदन की सदस्यता दिलायी जायेगी. इस भरे-पूरे सदन के सदस्य मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी हैं. पेशे से इंजीनियर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2006 से लगातार इस सदन के सदस्य हैं. सदन के सभापति अवधेश नारायण सिंह भी इंजीनियरिंग बैकग्राउंड के हैं.
सदन के सबसे बुजुर्ग व सबसे युवा सदस्य
उम्र की लिहाज से सदन के सबसे बुजुर्ग सदस्य भाकपा के केदार पांडेय हैं. इनकी उम्र करीब 79 वर्ष की है. उनके हमउम्र जदयू के प्रो रामवचन राय हैं, जबकि इन दोनों से एक साल छोटे राजद के डॉ रामचंद्र पूर्वे हैं. डॉ पूर्वे की उम्र करीब 78 वर्ष की है, जबकि नवादा स्थानीय प्राधिकार सीट से जीत कर आये अशोक यादव सदन में सबसे कम उम्र के सदस्य हैं.
अशोक यादव की उम्र महज 36 साल, महेश्वर सिंह सबसे उम्रदराज
बेंगलुरु से कानून में स्नातक की डिग्री हासिल करने वाले अशोक यादव की उम्र महज 36 साल है. स्थानीय प्राधिकार कोटे के 24 सीटों पर हुए चुनाव में पूर्वी चंपारण की सीट पर जीत कर आये महेश्वर सिंह सबसे उम्रदराज सदस्य हैं. सदन में 40 साल से कम उम्र वालों में मुकेश सहनी, पश्चिम चंपारण की सीट से जीत कर आये सौरव कुमार और पूर्व से सदन के सदस्य रहे रणविजय कुमार सिंह हैं.
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सदन में एमबीबीएस डिग्रीधारी, मैट्रिक से कम शिक्षित और कानून की डिग्री वाले सदस्य भी
सदन में एमबीबीएस डिग्रीधारी सदस्य भी हैं. भाजपा के सदस्य डॉ एनके यादव एमबीबीएस डिग्रीधारी हैं.चुनाव आयोग को सौंपे शपथपत्र के अनुसार पांच सदस्यों की शैक्षणिक योग्यता मैट्रिक से कम है. इनमें पूर्व सीएम राबड़ी देवी, पूर्व मंत्री मुकेश सहनी, मधुबनी स्थानीय प्राधिकार सीट से जीत कर आयीं अंबिका गुलाब यादव, भोजपुर की सीट से जीत कर आये राधाचरण साह और कटिहार से जीते अशोक कुमार अग्रवाल के नाम हैं. सात सदस्यों के पास कानून की डिग्री है.
सबसे अधिक 22 सदस्य पीएचडी
75 सदस्यों के सदन में 22 सदस्यों ने पीएचडी की डिग्री हासिल की है. इनमें राजद के डॉ रामचंद्र पूर्वे , मंत्री डॉ अशोक चौधरी, भाजपा निवेदिता सिंह, पूर्णिया स्थानीय प्राधिकार कोटे से जीतने वाले डॉ दिलीप जायसवाल, सहरसा से अजय कुमार सिंह प्रमुख हैं. 15 सदस्यों के पास स्नातकोत्तर यानी पीजी की डिग्री है.
सात महिला सदस्य
सदन में महिला सदस्यों की संख्या सात हो गयी है. इनमें से पूर्व सीएम राबड़ी देवी, जदयू की डाॅ कुमुद वर्मा, रोजिना नाजिश, भाजपा की निवेदिता सिंह पहले से सदन की सदस्य हैं. इस बार स्थानीय प्राधिकार कोटे से जीत कर आये सदस्यों में सीतामढ़ी से जदयू की देखा देवी, नालंदा से जदयू की ही रीना देवी और मधुबनी से निर्दलीय अंबिका गुलाब यादव के नाम हैं.
मुख्यमंत्री और सभापति समेत छह सदस्य इंजीनियर
विधान परिषद में छह सदस्य इंजीनयरिंग बैकग्राउंड के हैं. इनमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, सभापति अवधेश नारायण सिंह, उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन, पश्चिम चंपारण स्थानीय प्राधिकार सीट से जीत कर आये सौरव कुमार, सारण स्थानीय प्राधिकार सीट से जीते सच्चिदानंद राय, भागलपुर स्थानीय प्राधिकार से जीते जदयू के विजय कुमार सिंह प्रमुख हैं.
फुल स्ट्रेंथ होने से अच्छी ओर सार्थक बहस होगी.
विधान परिषद में फुल स्ट्रेंथ होने से अच्छी ओर सार्थक बहस होगी. सदन को नयी ताकत मिलेगी. जानकार लोगों के आने से अच्छे तरीके से बातें रखी जाती है. सदन बेहतर ढंग से चलेगा. मेरी शुभकामनाएं हैं. सदन के डिजिटल होने का लाभ सभी सदस्य उठा पायेंगे.
अवधेश नारायण सिंह, सभापति, बिहार विधान परिषद
POSTED BY: Thakur Shaktilochan