राज्य के किसी भी दल के पास सभी 77 हजार बूथों पर बीएलए नहीं हैं. मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को यह अधिकार दिया है कि वह अपने दल से एक-एक राजनीतिक कार्यकर्ता को हर बूथ का एजेंट (बीएलए) की नियुक्ति करें. उसकी सूची मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को उपलब्ध करा दें.
मतदाता सूची के अद्यतीकरण में राजनीतिक दलों के बीएलए भी एक दिन में 10 आवेदन पत्र लेकर निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी (इआरओ) को समर्पित कर सकते हैं. चुनाव आयोग की ओर से मतदाता सूची में दो महत्वपूर्ण बदलाव किये गये हैं. पहला वोटर लिस्ट से आधार को लिंक कराना और दूसरा साल में मतदाताओं को लिस्ट में नाम जोड़ने का चार बार अवसर दिया जाना है.
आयोग की ओर से सभी 77221 बूथों पर बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) की तैनाती की गयी है जो मतदाता सूची निर्माण का काम करते हैं. मान्यता प्राप्त 12 राजनीतिक दलों के बीएलए को मतदाता सूची के शुद्धिकरण में सहयोग करना है.
राज्य में सात करोड़ 63 लाख 28 हजार वोटर हैं. मतदाता सूची के सुद्धिकरण में नये मतदाताओं का नाम शामिल कराना, नाम का संशोधन करना, डुप्लीकेट वोटर का नाम सूची से हटवाना और मृत वोटरों का नाम भी सूची में हटाया जाता है. इस कार्य में बीएलए का सहयोग महत्वपूर्ण होगा.
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मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के पास राजनीतिक दलों के बीएलए की उपलब्ध सूची के अनुसार सर्वाधिक बीएलए राजद के पास है जिसकी संख्या 50,268 है. भाजपा के पास 38,713, जदयू के पास 26,864, कांग्रेस के पास 2244, लोजपा के पास 2542, एनसीपी के पास 896, आरएलएसपी के पास 1074, सीपीआइ के पास 56, सीपीएम के पास 271, बसपा के पास 79 बूथ लेवल एजेंट हैं. राज्य में मान्यता प्राप्त पार्टी ऑल इंडिया त्रिणमूल कांग्रेस और नेशनलिस्ट पीपुल्स पार्टी का एक भी बूथ लेवल एजेंट नहीं है.