बिहार में स्वच्छता सर्वेक्षण की तर्ज पर हर माह होगा जलापूर्ति सर्वेक्षण, लिया जायेगा फीडबैक
जलापूर्ति सर्वेक्षण के जरिये केंद्र सरकार देश के सभी गांव में पेय जल की स्थिति का आकलन करेगी. केंद्र सरकार द्वारा जिला और राज्य की रैंकिंग की जायेगी और इससे संबंधित आंकड़े मासिक और वार्षिक रूप से जारी किये जायेंगे.
बिहार में स्वच्छता सर्वेक्षण की तर्ज पर अब हर माह जलापूर्ति सर्वेक्षण होगा. जिसमें पानी की शुद्धता को लेकर लाभुकों से फीडबैक लिया जायेगा. इसको लेकर केंद्र सरकार ने बिहार व अन्य राज्यों के पदाधिकारियों के साथ दिल्ली में मीटिंग की है. वहीं, कई राज्यों से विभाग के पदाधिकारी ऑनलाइन माध्यम से इस बैठक में जुड़े थे. इस सर्वेक्षण के जरिये केंद्र सरकार देश के सभी गांव में पेय जल की स्थिति का आकलन करेगी. केंद्र सरकार द्वारा जिला और राज्य की रैंकिंग की जायेगी और इससे संबंधित आंकड़े मासिक और वार्षिक रूप से जारी किये जायेंगे. जिससे लोगों को अपने इलाके के जलापूर्ति के बारे में जानकारी मिल सकेगी.
केंद्र सरकार सभी राज्यों को जल्द जारी करेगा निर्देश
भारत सरकार के जलशक्ति मंत्रालय का पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ग्रामीण पेय जल की उपलब्धता का सर्वेक्षण करेगी. जल जीवन मिशन के तहत भारत सरकार द्वारा ग्रामीण परिवारों तक पेयजल की पहुंच का आकलन किया जायेगा. इस संबंध में शीघ्र ही दिशा निर्देश जारी किये जायेंगे.
इस आधार पर होगा सर्वेक्षण
सर्वेक्षण मुख्य रूप से चार बिंदुओं पर होगी. जिसमें ग्रामीण परिवारों के घरों में नल के जल की उपलब्धता, नल से मिलने वाले जल की मात्रा, जल की गुणवत्ता, जलापूर्ति की निरंतरता और पेय जल से संबंधित शिकायतों के मानकों पर संपादित किया जायेगा.
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केंद्र सरकार के डैशबोर्ड पर दिखेंगे सभी राज्यों के डेटा
केंद्र सरकार के डैशबोर्ड पर सभी राज्यों के डेटा को देखा जायेगा. वहीं, बिहार में नल का जल किस तरह से काम कर रहा है. इसको लेकर दूसरे राज्यों को जानकारी दी जायेगी कि बिहार में किस तरह से जलापूर्ति योजना में काम किया है. यहां किये गये कार्यों को दूसरे उन राज्य में मॉडल रूप में प्रयोग किया जायेगा. जहां अभी तक कम से कम काम हुए है.