Bihar News: जल संकट को लेकर भूजल स्तर पर 27 टीमें रखेंगी नजर, पीएचइडी ने दिया दिशा-निर्देश
Bihar News: भू-जल के स्तर में गिरावट होने बाद चापाकल अगर पानी छोड़ता है, तो उस इलाके में लोगों को पानी की दिक्कत नहीं हो. इसको लेकर सभी प्रखंड में शिकायत पंजी रखे और उसकी प्रतिदिन समीक्षा करें. विभाग की ओर से 27 से अधिक टीम बनायी गयी है, जो जिलों में भू-जल के स्तर पर निगरानी करेगी.
पटना. बिहार भर में मार्च के महीने में पड़ रही गर्मी को देखते पीएचइडी ने संभावित जल संकट को लेकर सभी जिलों में तैनात अधिकारियों को अलर्ट किया है. विभाग ने जल संकट से लोगों को निजात दिलाने के लिए पूर्व में किये गये कार्यों की माइक्रो स्तर पर समीक्षा कर उसे हर प्रमंडल में तुरंत लागू करें ताकि भू-जल के स्तर में गिरावट होने बाद चापाकल अगर पानी छोड़ता है, तो उस इलाके में लोगों को पानी की दिक्कत नहीं हो. इसको लेकर सभी प्रखंड में शिकायत पंजी रखे और उसकी प्रतिदिन समीक्षा करें. विभाग की ओर से 27 से अधिक टीम बनायी गयी है, जो जिलों में भू-जल के स्तर पर निगरानी करेगी और मरम्मती दल का भी फीडबैक लोगों से लेगी.
शिकायत मिली, तो संबंधित अधिकारियों पर होगी कार्रवाई
शिकायत पंजी में हर दिन की शिकायत को लिखा जायेगा और उसे दूर करने के बाद उसकी जानकारी विभाग को देना अनिवार्य होगा. ऐसा नहीं करने वालों के संबंध में अगर विभागीय स्तर पर शिकायत पहुंचेगी, तो विभाग वैसे अधिकारियों पर नियमानुसार कार्रवाई करेगी. इस संबंध में सभी जिलों को दिशा-निर्देश भेज दिया गया है.
यह दिये गये हैं निर्देश
चापाकलों की मरम्मती के लिए चलंत अभियान चलाया जाये. रिपेरिंग दल और उनके क्षेत्र निर्धारण से संबंधित आदेश कार्यपालक अभियंताओं के द्वारा जारी किया जाये. हर प्रमंडल अपने क्षेत्र में चापाकलों के मरम्मती के लिए गठित रिपेरिंग दल के संबंध में सभी जानकारी प्रकाशित करेंगे.
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अभी साढ़े आठ हजार चापाकल कार्यरत
राज्य में अभी साढ़े आठ हजार चापाकल कार्यरत है. बावजूद विभाग ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि गठित मरम्मती दल से सभी चापाकलों की जांच करा लें. जो बंद या खराब हो उसे सात दिनों के भीतर कर लिया जाये और उसकी रिपोर्ट विभाग को भेजे.वहीं, जब भी चापाकल को ठीक किया जायेगा. उसके बारे में स्थानीय लोगों से हस्ताक्षर करा लें और उस जगह की तस्वीर भी ले, ताकि सत्यापन करना आसान हो सकें.