Bihar News: मौसम बदला तो बिहार में 500 भेड़ों की मौत, ठंड में अपने पशुओं का ऐसे रखें ख्याल…

बिहार में ठंड काफी तेज हो चुकी है. मनुष्यों के साथ ही अब पशुओं की भी देखभाल जरुरी है. बिहार सरकार ने पशुओं को सर्दी में सुरक्षित रखने के लिए कुछ सलाह प्रचारित किये हैं...

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 2, 2022 4:10 PM

बिहार में ठंड ने अपनी पकड़ अब तेज कर ली है. शीतलहर ने पूरे सूबे में दस्तक दे दी है. कड़ाके की ठंड का असर पशुओं पर भी पड़ा है. पूरे बिहार में दो दिनों की बारिश ने ठंड को और बढ़ाया है. वहीं गया में लगातार दो दिन हुई बारिश में करीब 500 भेड़ों की मौत हो गयी. ये मौत पशुपालक की लापरवाही के कारण ही हुई लेकिन मौत की वजह ठंड ही थी.

-सर्दी के मौसम में आप अपने पशुओं की देखभाल करें.

-ठंड, ओस और कोहरे से बचाने के लिए पशुओं को छत या घास-फूस की छप्पर के नीचे रखना चाहिए.

-पशुओं को रात में कभी खुले में नहीं बांधना चाहिए.

-ठंड से बचाव के लिए फर्श पर पुआल बिछाए.

– धूप निकलने पर पशुओं को खुले धूप में बांधें क्योंकि सूर्य की किरणों में जीवाणु और विषाणु को नष्ट करने की बहुत क्षमता होती है.

– अधिक ठंड होने पर पशु के शरीर को गर्म रखने के लिए शरीर पर कपड़ा या जूट की बोरी बांध दें.

– पशुगृह को गर्म रखने के लिए अलाव/धुआं वगैरह का प्रयोग करना चाहिए.

– रोगी, कमजोर, गाभिन और अपाहिज पशुओं को टहलाकर और स्वस्थ व वयस्क पशुओं को -हल्का या तेज दौड़ाकर व्यायाम कराना चाहिए. उन्हें साफ व ताजा पानी दें.

– ब्याने वाले पशुओं का शरीर गर्म रखा जाए ताकि उचित मात्रा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, मिनरल्स, विटामिन से भरपूर संतुलित भोजन दिया जाए.

– सर्दियों के मौसम में दलहनी किस्म का हरा चारा जैसे बरसीम, ल्यूराइन, जई, आदि रसदार प्रचुर मात्रा में उपलब्ध रहता है.

– शुष्क पदार्थ का एक तिहाई भाग हरा चारा होना चाहिए.

– अत्यधिक मात्रा में हरा चारा देने से पशुओं में दस्त, अफरा इत्यादि की समस्या हो सकती है.

– इस मौसम में कफ, निमोनिया (बछड़ों में ) और खांसी से संबंधित रोग होने की स्थिति में पशु चिकित्सक से फौरन सलाह लेनी चाहिए.

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नोट: ये तमाम जानकारी बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के द्वारा प्रचारित की गयी है.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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