Kal Ka Mausam: बिहार के 14 जिलों में बारिश के आसार, शुक्रवार के लिए जारी हो गया टेंशन वाला अलर्ट

Bihar Weather: बिहार में शुक्रवार से पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना है. बिहार में बारिश होने से न्यूनतम तापमान में गिरावट आएगी. लोगों को अभी के मुकाबले ज्यादा ठंड का एहसास होगा.

By Ashish Jha | December 26, 2024 2:36 PM
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Bihar Weather: पटना. बिहार में मौसम ने फिर से करवट ली है. पटना स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों के अनुसार बिहार के कई जिलों में कल से अगले दो दिनों तक हल्की बारिश होने के आसार है. इसके साथ ही कई जिलों में घने कोहरे का अलर्ट भी जारी किया गया है. बिहार में बारिश होने से न्यूनतम तापमान में गिरावट आएगी. लोगों को अभी के मुकाबले ज्यादा ठंड का एहसास होगा. बिहार में शुक्रवार से पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना है. इसके कारण 27-29 दिसंबर के बीच दक्षिण पश्चिम भागों के बक्सर, भोजपुर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद, अरवल दक्षिण मध्य भागों के पटना, गया, नालंदा, शेखपुरा, नवादा, बेगूसराय, लखीसराय व जहानाबाद जिलों के कुछ हिस्सों में हल्की वर्षा की संभावना है.

मौसम वैज्ञानिक भी हैरान

बिहार में मौसम के बदलते मिजाज ने मौसम वैज्ञानिकों को भी हैरान कर रखा है. पटना मौसम केंद्र के आशीष कुमार कहते हैं कि दिसंबर समाप्त होने में छह दिन शेष हैं, पर शीतलहर और कड़ाके की ठंड नहीं पड़ी. यह रबी फसल के लिए भी जरूरी है. बीते तीन वर्षों में न्यूनतम तापमान में पांच डिग्री का अंतर देखा जा रहा है. गुरुवार को बिहार के अधिकतम जिलों का न्यूनतम तापमान 10 से 14 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा है. वहीं, अधिकतम तापमान की बात करें तो वह 24 से 27 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा है. मौसम विज्ञानी आशीष कुमार बताते हैं, बीते वर्षों की तुलना में इस बार पश्चिमी विक्षोभ का अभाव व बर्फीली पछुआ हवा में कमी आने से तापमान अपने सामान्य से अधिक बने होने के कारण दिसंबर में कड़ाके की ठंड नहीं पड़ी. वहीं, जलवायु परिवर्तन के कारण भी देश के अधिसंख्य भागों में मौसम में विशेष रूप से बदलाव नहीं देखा गया.

29 तक बिगड़ा रहेगा मौसम

बिहार के मौसम पर मीडिया से बात करते हुए दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के डीन प्रो प्रधान पार्थ सारथी ने बताया कि बिहार में पश्चिमी विक्षोभ की आवृत्ति इस बार कम रही. इसके कारण उत्तरी पश्चिमी हवा का आना प्रदेश में कम हुआ, जिसकी वजह से प्रदेश के अन्य हिस्सों के अलावा गांगेय क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड व शीतलहर का अभाव है. इस साल हिमालय की ओर से आने वाली सर्द हवाओं का प्रवाह कम होने से ज्यादा ठंड का असर नहीं दिख रहा. जलवायु परिवर्तन के कारण भी पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता में कमी आई है. शुक्रवार के बाद तापमान में गिरावट आने के साथ ठंड में वृद्धि की संभावना है.

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