बिहार में कड़ाके की ठंड ने दिन में कंपाया, सामान्य से आठ डिग्री नीचे आया तापमान, इस दिन से और बढ़ेगी ठंड
आइएमडी के पूर्वानुमान के मुताबिक बिहार को अभी घने कोहरे से मुक्ति मिलने के आसार नहीं हैं. आइएमडी के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी आशीष कुमार के मुताबिक चूंकि सतह पर पछुआ और उत्तर-पछुआ की गति बेहद कम है और वातावरण में नमी की मात्रा 90 फीसदी से अधिक है.
मंगलवार को पूरे प्रदेश में दिन का तापमान सामान्य से कम रहा. प्रदेश में दिन के सामान्य तापमान से पारा छह डिग्री नीचे आ चुका है. पूरे राज्य में कोल्ड डे की स्थिति रही. एक-दो जगहों मसलन किशनगंज और सारण को छोड़ दें, तो पूरे प्रदेश में दिन का औसत तापमान 14-16 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा. लोगों ने दिन में कंपकपी महसूस की. कनकनी का आलम यह था कि शहर में कई जगहों पर अलाव जलते दिखे. हरनौत और पूसा में दिन का सबसे कम तापमान 14.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. पूसा में दिन का तापमान पिछले 20 सालों में सबसे कम दर्ज हुआ है. यहां पारा सामान्य से सात से आठ डिग्री कम रहा.
अगले तीन दिन घने कोहरे की चपेट में रहेगा प्रदेश
आइएमडी के पूर्वानुमान के मुताबिक बिहार को अभी घने कोहरे से मुक्ति मिलने के आसार नहीं हैं. आइएमडी के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी आशीष कुमार के मुताबिक चूंकि सतह पर पछुआ और उत्तर-पछुआ की गति बेहद कम है और वातावरण में नमी की मात्रा 90 फीसदी से अधिक है. इसलिए कोहरे की लेयर आसमान में काफी ऊंचाई तक बन चुकी है. कोहरे की इस लेयर के ब्रेक होने के आसार फिलहाल दो से तीन दिन तक नहीं हैं. वहीं सात जनवरी से ठंड के और ज्यादा बढ़ जाने की संभावना है.
कहां-कितना तापमान रहा
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गया में उच्चतम तापमान सामान्य से आठ डिग्री नीचे 14.6,
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पटना में सामान्य से छह डिग्री नीचे 14.5,
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भागलपुर में सामान्य से छह डिग्री नीचे 16.1
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पूर्णिया में भी सामान्य से छह डिग्री नीचे 16.5 डिग्री सेल्सियस रहा.
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किशनगंज में उच्चतम तापमान सबसे अधिक 22 और किशनगंज में 21.8 डिग्री रहा.
पूरे प्रदेश में उच्चतम और न्यूनतम तापमान में अधिकतम केवल दो से चार डिग्री का अंतर ही रह गया है. सबसे कम न्यूनतम तापमान सिवान के जीरादेई में आठ डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ है. ऐसे में रबी सीजन की सब्जियों की फसलों पर पाले का संकट घिर आया है. यह समय गेहूं को छोड़ कर शेष सभी फसलों में पुष्प आने का है. दिन के पारे में लगातार गिरावट और धूप न निकलने से उत्पादन दर में कमी आने का खतरा पैदा हो जाता है. दुधारू पशुओं के दूध में कमी आ सकती है.
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गेहूं को छोड़ कर सभी फसलों पर प्रभाव
डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डॉ ए सत्तार ने बताया कि गेहूं को छोड़ कर सभी फसलों विशेषकर मटर,आलू,टमाटर और मक्का पर दिन के तापमान में लगातार गिरावट कई तरीके से नकारात्मक असर डालेगी. इन फसलों में झुलसा रोक लग सकता है. किसानों को कृषि विज्ञानियों की सलाह का फायदा उठाना चाहिए. हालांकि दो से तीन दिन बाद दिन में पारे की स्थिति कुछ सुधरने सकती है.