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Bihar Weather Forecast, Flood Updates : बिहार के 16 जिलों के 130 प्रखंडों की 1333 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित

Bihar Weather Forecase, Flood Live Updates : बिहार में बाढ़ ने आम लोगों के जीवन को काफी ज्यादा प्रभावित किया है. आपदा प्रबंधन विभाग के बुलेटिन में बताया गया कि बीते 24 घंटे में 16 जिले के और 1.13 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए जिसके साथ बाढ़ प्रभावितों की संख्या बढ़कर 82.92 लाख हो गई. गुरूवार तक 16 जिलों में 81.79 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए थे. वहीं बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 27 हो चुकी है. जिसकी जानकारी आपदा प्रबंधन विभाग ने एक बुलेटिन जारी करते हुए दी. जिसमें कहा गया कि खगड़िया जिले के दो लोगों की मौत हुई है. वहीं 27 मौतों में से, दरभंगा जिले में 11, मुजफ्फरपुर में छह, पश्चिम चंपारण में चार और सारण, सीवान और खगड़िया में दो-दो लोगों की मौत बाढ़ से हुई है. वहीं मुजफ्फरपुर में औराई के बेनीपुर के निकट शनिवार को एक नाव हादसा हो गया जिसमें नाव पलटने से एक महिला की मौत हो गई. जबकि एक किशोरी अभी भी लापता हैु नौ लोगों ने तैरकर अपनी जान बचाई. वहीं प्रदेश के कई जिलों में पिछले दो दिनों से बारिश जारी है. जिससे किसानों को धान की खेती के लिए राहत मिली है. जबकि बाढ़ के कारण अपना घर छोड़ किसी तरह जीवन यापन कर रहे बाढ़प्रभावितों के लिए यह मुसिबत बन चुकी है.

लाइव अपडेट

बिहार के 16 जिलों के 130 प्रखंडों की 1333 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित

बिहार में 1,333 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हुई हैं. आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया सूबे के 16 जिलों के कुल 130 प्रखंडों की 1,333 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हुई हैं. छह राहत शिविरों में कुल 5,186 लोग ठहराये गये हैं. 269 कम्युनिटी किचेन चलाये जा रहे हैं. इनमें प्रतिदिन दो लाख नौ हजार 728 लोग भोजन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि गंगा नदी के जलस्तर में हो रही वृद्धि को देखते हुए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें प्रतिनियुक्त कर दी गयी है. अब तक बाढ़ प्रभावित नौ लाख 62 हजार 617 परिवारों के बैंक खाते में प्रति परिवार छह हजार रुपये की दर से कुल 577.57 करोड़ रुपये जीआर की राशि भेजी जा चुकी है.

छपरा के अमनौर के दर्जनों गांवों में बाढ़ का कहर जारी, बाढ़ के पानी के बीच अंधेरे में रात गुजारने का मजबूर

छपरा के अमनौर में बाढ़ की कहर से अब भी कई पंचायतों के दर्जनों गांव पूरी तरह प्रभावित है. अमनौर के अमनौर कल्याण, अमनौर हरनारायण, धरहारा खुर्द मनोरपुर झखड़ी, धर्मपुर जाफर ,ढोरलाही कैथल, बसंतपुर, शेखपुरा, मदारपुर, परसा व तरवार पंचायत में बाढ़ का पानी अभी कम होने का नाम नहीं ले रहा है. वहां के लोगों का रोजमर्रा का कार्य पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है. लोगों में हाहाकार मचा हुआ है. जीवन जीने के लिए रोजमर्रा व जरूरत के सामान लाने के लिए बाढ़ का पानी पार कर प्रखंड मुख्यालय व नजदीकी बाजार जाने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, बिजली की नियमित आपूर्ति नहीं होने से बाढ़ के पानी के बीच रात गुजारने पर विवश हैं. लोग शुद्ध पानी के लिए तरस रहे हैं. बाढ़पीडितों के समक्ष एक बार में सैकड़ों चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. जहां लोगों के बीच शुद्ध पेयजल के साथ शौचालय, छत का सहारा , कीड़े-मकौड़े का डर, दो वक्त का भोजन, पशुओं का चारा, कोरोना महामारी का भय, पानी में खुद व अपने बच्चों का डूबने का डर, घरों में पड़े सामान की सुरक्षा की चिंता, बेरोजगारी, आर्थिक नुकसान जैसे कई समस्याएं मुंह बायें खड़ी है. इनके सामने सरकारी बाढ़ राहत सुविधाएं कम पड़ रही हैं. लोग बाढ़ के कारण अपनी जान बचाने के साथ घरों के सामान व पशुओं बचाने की कोशिश में जुटे हैं. ऊंचे स्थानों पर खुले आसमान के नीचे जिंदगी गुजारने पर विवश हैं.

गोपालगंज में 61 हजार बाढ़पीड़ितों के खाते में भेजी गयी राशि

गोपालगंज : गंडक के जल स्तर आयी कमी के बाद बाढ़ प्रभावित क्षेत्र से भी तेजी से पानी तो उतर रहा है, लेकिन बाढ़ पीड़ितों का दर्द थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब भी 90 हजार से अधिक परिवार बाढ़ से मिले दर्द से कराह रहे हैं. मुख्य रूप से जिला का चार प्रखंड बाढ़ से प्रभावित है. संभावनाओं के अनुसार बाढ़ का पानी तो एक माह में कम हो जायेगा, लेकिन बाढ़ से हुए नुकसान की भरपायी करने में पीड़ितों को लंबा समय लगेगा. इधर, बाढ़ पीड़ितों के सहायतार्थ छह हजार की राशि आपदा विभाग द्वारा तेजी से भेजे जाने का दावा प्रशासन द्वारा किया जा रहा है. राहत राशि के लिये जो आंकड़े प्रशासन द्वारा बताये जा रहे हैं, उसके अनुसार चार प्रखंडों के कुल 89 हजार 415 पीड़ितों की सूची प्रखंड कार्यालय को पंचायत से भेजी गयी थी. इनमें से पीएफएमएस को 88946 की सूची भेजी गयी, जिसमें से 79398 तो स्वीकृत किया, लेकिन उनमें से भी पीएफएमएस ने 6630 रिजेक्ट कर दिया गया है. सरकारी दावे के अनुसार अब तक 61042 लोगों के खाते में भुगतान किया जा चुका है. इधर, बाढ़ प्रभावित पंचायत के पीड़ितों की मानें तो अधिकांश अभी राशि आने का इंतजार कर रहे हैं. धरातल पर आकलन के मुताबिक अभी चंद लोगों के खाते में ही राहत की राशि पहुंच पायी है.

एक नजर पीड़ितों की प्रेषित सूची ओर अब तक के भुगतान के दावे पर

कुल आवेदित लाभुक- 89415

कुल लॉक्ड लाभुक- 66506

खाते में भेजे गये लाभुकों की संख्या-61042

गंगा में जल स्तर बढ़ने से वाया नदी समेत जलमग्न हुआ क्षेत्र

बरौनी. पिछले कई दिनों से गंगा नदी का जल स्तर बढ़ने से रूपनगर, गंगा प्रसाद, अमरपुर, जयनगर, बारो, निपनियां मथुरापुर से लेकर अयोध्या बिनलपुर तक पानी का भारी दबाव बना हुआ है. गंगा नदी के जल स्तर बढ़ने से बाया नदी समेत इसके आसपास के क्षेत्र जलमग्न हो गया है. इस कारण खेतों में लगी फसलों को नुकसान हुआ है. आसपास रहने वाले लोग सहमे हुए हैं. ग्रामीणों ने बताया कि गंगा का पानी बढ़ते रहने से बांध के दक्षिणी भाग में बसे लोगों के लिए आने वाले दिनों में मुसीबत हो सकता है. खेतों में लगी फसल नष्ट हो गये हैं. ग्रामीणों ने बताया कि परबल, मक्का,पशुचारा आदि नष्ट हो गये हैं. कई ग्रामीणों ने कहा कि पानी बढ़ने की रफ्तार धीमी ही है लेकिन लोगों को परेशानी होने लगी है. पशुपालक अपने पशुओं को सुरक्षित स्थान पर रखने की व्यवस्था में लगे हुए हैं.

छपरा में बाढ़ के पानी में डूबे दोनों लापता युवकों का शव बरामद

इसुआपुर. थाना क्षेत्र के अगौथर गांव में गुरुवार को बाढ़ के पानी में डूबे स्थानीय मुखिया रंगलाल राय के पौत्र मनीष राय तथा प्रभुनाथ राय का पुत्र बिजेश राय का शव शुक्रवार को मिला. गुरुवार को एनडीआरएफ की टीम पानी में लापता दोनों शवों की तलाश करती रही. लेकिन देर रात तक शव बरामद नहीं हो सका था. हालांकि ग्रामीणों ने शुक्रवार की सुबह बिजेश राय का शव पानी में तैरते देखा, जिसे पानी से बाहर निकाला गया. वहीं शुक्रवार को पुनः एनडीआरएफ की टीम घटनास्थल पहुंची तथा ग्रामीणों के सहयोग से मनीष राय का शव भी ढूंढ़ निकाला. दोनों के शव को देखते ही गांव में कोहराम मच गया. स्थानीय विधायक मुद्रिका प्रसाद राय, जदयू के प्रदेश सचिव शैलेंद्र प्रताप सिंह, पूर्व विधायक जनक सिंह, बीजेपी नेता धीरज सिंह, सरपंच हरेराम तिवारी व अन्य ने घटनास्थल पहुंचकर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए शोक- संतप्त परिजनों का ढाढ़स बंधाया.

23 अगस्त तक काफी सक्रिय होगा चक्रवाती सिस्टम

बिहार में 24 व 25 अगस्त को मध्यम से भारी बारिश होने का पूर्वानुमान जारी किया गया है. खास तौर पर गंगा के मैदानी व तराई वाले इलाकों में एक बार फिर अच्छी बारिश होने का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है. आइएमडी, पटना के मुताबिक 24 व 25 अगस्त को मॉनसून की अक्षीय रेखा बिहार के बीच से गुजरेगी. मौसम विज्ञानियों के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में 22अगस्त को एक चक्रवाती सिस्टम बन जायेगा. 23 अगस्त तक वह काफी सक्रिय होगा. इससे न केवल 24 व 25 अगस्त बल्कि तकरीबन पूरे हफ्ते अच्छी बारिश होने के आसार बनेंगे.

गंगा में जल स्तर बढ़ने से वाया नदी समेत जलमग्न हुआ क्षेत्र

बरौनी. पिछले कई दिनों से गंगा नदी का जल स्तर बढ़ने से रूपनगर, गंगा प्रसाद, अमरपुर, जयनगर, बारो, निपनियां मथुरापुर से लेकर अयोध्या बिनलपुर तक पानी का भारी दबाव बना हुआ है. गंगा नदी के जल स्तर बढ़ने से बाया नदी समेत इसके आसपास के क्षेत्र जलमग्न हो गया है. इस कारण खेतों में लगी फसलों को नुकसान हुआ है. आसपास रहने वाले लोग सहमे हुए हैं. ग्रामीणों ने बताया कि गंगा का पानी बढ़ते रहने से बांध के दक्षिणी भाग में बसे लोगों के लिए आने वाले दिनों में मुसीबत हो सकता है. खेतों में लगी फसल नष्ट हो गये हैं. ग्रामीणों ने बताया कि परबल, मक्का,पशुचारा आदि नष्ट हो गये हैं. कई ग्रामीणों ने कहा कि पानी बढ़ने की रफ्तार धीमी ही है लेकिन लोगों को परेशानी होने लगी है. पशुपालक अपने पशुओं को सुरक्षित स्थान पर रखने की व्यवस्था में लगे हुए हैं.

24 व 25 को प्रदेश में मध्यम से भारी बारिश के आसार

बिहार में 24 व 25 अगस्त को मध्यम से भारी बारिश होने का पूर्वानुमान जारी किया गया है. खास तौर पर गंगा के मैदानी व तराई वाले इलाकों में एक बार फिर अच्छी बारिश होने का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है.

आज प्रदेश में बारिश के आसार

शुक्रवार को पटना में 4.4 मिलीमीटर, गया में 9 मिलीमीटर, भागलपुर में 18 एवं पूर्णिया में 6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई. शनिवार को भी प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में बारिश की उम्मीद है.

तीन सेंटीमीटर नीचे चला गया गांधी घाट का जलस्तर

पटना जिले के गांधी घाट पर गंगा का जलस्तर 24 घंटे में तीन सेंटीमीटर नीचे चला गया. हालांकि अभी भी खतरे के निशान से नौ सेंटीमीटर ऊपर है. गुरुवार को यहां जल स्तर 48.72 मीटर था. लेकिन आज शाम को जलस्तर 48.69 मीटर पर है. दीघा घाट का जलस्तर अभी भी खतरे के निशान के नीचे है. हाथीदह में जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है. जबकि दीघा लॉक में नीचे है. गंगा का जलस्तर फिलहाल नियंत्रित है. हालांकि जलस्तर के बढ़ने व घटने पर जिला प्रशासन की नजर लगातार बनी हुई है.

दक्षिण-पश्चिम मानसून के सक्रिय होने से बदला मौसम का मिजाज

दक्षिण-पश्चिम मानसून के सक्रिय होने के कारण बिहार में बारिश की उम्मीद भी तेज हो गई है. कई दिनों के बाद शुक्रवार को प्रदेश का मौसम बदला और राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में हल्की बारिश हुई.

Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya

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