Bihar Weather: पटना. पटना सहित बिहार में मॉनसून कमजोर पड़ गया है, लेकिन 23 जुलाई से एक बार फिर मानसून के जोर पकड़ने की संभावना है. बिहार में बादल छंटते ही उमस बढ़ गई है. मौसम विभाग के अनुसार वायुमंडल में आद्रता की मात्रा 60 से 70 प्रतिशत तक पहुंच गई है. इस कारण लोगों को उमस भरी गर्मी का एहसास हो रहा है. आद्रता अधिक होने के कारण लोगों को रिकॉर्ड तापमान से अधिक का एहसास हो रहा है. फिलहाल पारा सामान्य से दो से पांच डिग्री सेल्सियस तक अधिक चल रहा है. उत्तर बिहार में कुछ एक जगह पर थंडर स्टोर्म से छिटपुट बारिश हो सकती है. राज्य में सर्वाधिक उच्चतम तापमान गोपालगंज में 40 डिग्री सेल्सियस रहा. आसमान साफ होने से तेज धूप ज्यादा असहज करने वाली रह रही है.
19 दिनों बाद पारा पहुंचा 40 पार
मॉनसून के कमजोर पड़ने और बादल छंटने के कारण सूरज की तल्ख तेवर से बिहार का अधिकतम तापमान 19 दिनों के बाद 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. इससे पहले 28 जून को प्रदेश का सबसे गर्म जिला 40.1 डिग्री सेल्सियस के साथ भोजपुर था, जबकि गुरुवार को बिहार का सबसे गर्म जिला 40 डिग्री सेल्सियस के साथ गोपालगंज रहा. राजधानी के अधिकतम तापमान में 0.3 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई। पटना का अधिकतम तापमान 37.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया.
सुबह 6 बजे से ही लोगों के निकलने लगे पसीने
पटना वासियों को शुक्रवार की सुबह 6 बजे से ही भीषण गर्मी का एहसास हो रहा है. इस दौरान जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, वैसे-वैसे उमस बढ़ती गई. जिस कारण लोगों में बेचैनी बढ़ती गई. लोगों को दिन-रात दोनों समय भीषण गर्मी का एहसास हो रहा है. जहां पटना का अधिकतम तापमान 37.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, वहीं न्यूनतम तापमान में 1.4 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई. जिस कारण न्यूनतम तापमान 30.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. पटना के दिन और रात के तापमान में 6.9 डिग्री सेल्सियस का ही अंतर है. जिस कारण 24 घंटे लोगों को भीषण गर्मी का एहसास हो रहा हैं.
आसमान में छाये रहे बादल, नहीं हुई बारिश
सुपौल जिले में मौसम विभाग के पूर्वानुमान अनुसार 48 घंटे में मध्यम बारिश होने की आसार के बावजूद बुधवार एवं गुरुवार को आसमान में बादल छाये रहे. लेकिन बारिश नहीं हुई. इधर चिलचिलाती धूप और उमस भरी गर्मी से आम लोग परेशान नजर आ रहे हैं. वहीं किसान धनरोपनी को लेकर आसमान की ओर टकटकी लगाए हुए बैठे हैं. मौसम के उतार-चढ़ाव के बीच महंगी डीजल अब किसानों का पसीना छुड़ा रहा है. मौसम की बेरुखी से किसान परेशान और हतास नजर आ रहे हैं. किसानों का कहना है कि जून में कम बारिश के कारण धान का बिचड़ा लगाने के लिये पटवन करना पड़ा. अब रोपनी के लिए भी पटवन करना पड़ा. बारिश और तापमान का यही तेवर रहा तो ऊपरी जमीन पर लगी धान की फसल को भारी नुकसान होगा.