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बिहार में खतरे के निशान से ऊपर बह रही कई नदियां
बिहार में बागमती, ललबेकिया, कमला नदियों का जलस्तर लगातार खतरे के निशान से ऊपर होने की वजह से इनके बांधों की निगरानी बढ़ा दी गयी है. इसके साथ ही अन्य नदियों के बांधों की भी लगातार देखरेख हो रही है. रविवार को शिवहर जिले में बागमती नदी के दायें तटबंध में बेलवा धार के पास स्लुइस गेट लगाने के लिए बनाया गया प्रोटेक्शन वाल नदी की तेज धार से कट गया. हालांकि, इससे बाढ़ का कोई खतरा नहीं है.
जल संसाधन विभाग का कहना है कि शनिवार की रात भारत-नेपाल सीमा के बाद गोवाबारी में ललबेकिया नदी के बांध में सीपेज की समस्या हो गयी थी. उसे ठीक कर लिया गया है. इसके साथ ही शुक्रवार की रात सीतामढ़ी जिले में बागमती नदी के बायें तटबंध के पास कंसार में नदी का पानी वापस लौटकर आ रहा था और मिट्टी का कटाव कर रहा था. वहां सुरक्षात्मक कार्य करवाकर इसे ठीक कर लिया गया है.
नदियों के जलस्तर में वृद्धि से दहशत में लोग
दो दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण जल ग्रहण क्षेत्रों में पानी भर जाने के कारण प्रखंड क्षेत्र से होकर बहने वाली नदियों में जल स्तर में काफी वृद्धि होने के कारण निचले क्षेत्रों में पानी फैलने लगा है. इसके साथ ही तटबंधों पर पानी का दबाव बढ़ गया है. जल स्तर में वृद्धि की यही रफ्तार रही तो नदियों के किनारे बसे गांव में खेतो में पानी भर जायेगा. इधर मौसम विभाग की पूर्व चेतावनी अनुसार अति से अत्यधिक वर्षा की चेतावनी से लोग पहले से ही भयभीत हैं. दूसरे दो दिनों से हो रही वर्षा लोगों की परेशानी बढ़ाने के लिए काफी है. हालांकि तटबंधों पर ग्रामीणों की पहरेदारी लगातार हो रही है ताकि बांध में किसी भी तरह से पानी के दवाब का ज्यादा असर ना हो.
बिहार में मानसून अभी सक्रिय
बिहार में मानसून अभी सक्रिय स्थिति में है. मानसून की ट्रफ लाइन उत्तरी बिहार होते हुए नेपाल तक जा रहा है. इस कारण नेपाल से सटे जिलों में भारी से अति भारी बारिश की संभावना मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से व्यक्त की गयी है. सुपौल, चंपारण के जिले, मधुबनी, सीतामढ़ी आदि क्षेत्रों में बिजली गिरने की संभावना भी व्यक्त की गयी है.मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार तराई क्षेत्रों के अलावा राज्य के अन्य हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. पटना व आसपास के जिलों में दिन में एक दो बार हल्की बारिश हो सकती है. मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार पटना प्रमंडल के जिलों में अधिकतम तापमान में एक से दो डिग्री की वृद्धि होगी. इससे लोगों को उमस का सामना करना पड़ा सकता है.
अगले 48 घंटे बारिश के आसारा
सप्तकोशी नदी में खतरे के निशान से ऊपर पानी बहने के बाद कोसी बेराज कंट्रोल रूम के द्वारा नदी के तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को सावधानी पूर्वक रहने का आग्रह किया गया है. शनिवार को कंट्रोल रूम द्वारा सार्वजनिक किये गये बुलेटिन में कहा गया है की प्रदेश संख्या एक व दो में अगले 48 घंटे भारी बारिश होने का अनुमान है. अगर भारी बारिश होती है तो नदी का बहाव खतरे के निशान के अत्यधिक ऊपर चला जायेगा. जो की तटीय इलाकों के लिए खतरे की घंटी है.
भागलपुर में मौसम का हाल
भागलपुर में शनिवार को 11.6 मिमी वर्षा हुई. रविवार को 45 मिमी तक वर्षा होने की संभावना है. आकाश में काले घने बादल छाये रहेंगे. दक्षिणी पश्चिमी हवा चल सकती है. लगातार हो रही वर्षा के कारण सबौर क्षेत्र को जोड़नेवाली सभी नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है. निचले इलाके में वर्षा के पानी कारण जलजमाव हो गया है. सबौर दक्षिणी क्षेत्र के बहियार में पानी भरना शुरू हो गया है. इससे सब्जी लगे खेत के डूबने की आशंका है. शनिवार को आसपास का अधिकतम तापमान 32.5 डिग्री जबकि न्यूनतम तापमान 25.8 डिग्री सेल्सियस रहा. हवा में नमी की मात्रा 88 प्रतिशत रही. दक्षिणी पश्चिमी हवा 4.7 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चली.
कई जिलों में ठनका गिरने की आशंका
राज्य में मॉनसून अभी सक्रिय स्थिति में है. मॉनसून की ट्रफ लाइन उत्तरी बिहार होते हुए नेपाल तक जा रही है. सुपौल, चंपारण के जिले, मधुबनी, सीतामढ़ी आदि क्षेत्रों में बिजली गिरने की आशंका भी व्यक्त की गयी है. पटना व आसपास के जिलों में दिन में एक दो बार हल्की बारिश हो सकती है. मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार पटना प्रमंडल के जिलों में अधिकतम तापमान में एक से दो डिग्री की वृद्धि होगी. इससे उमस बढ़ जायेगा.