Patna News: ठंड बढ़ते ही बढ़ने लगे हैं ब्रेन हेमरेज के मामले, मरीजों से ICU हुए फुल, जानें कारण व बचाव का तरीका

जाड़े के आगमन के साथ ही ब्रेन हेमरेज के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. हाल यह है कि कई अस्पतालों में मरीजों की संख्या इतनी बढ़ गयी कि न्यूरो आइसीयू में बेड नहीं मिल रहे हैं. राज्य में सुपर स्पेशियलिटी इलाज के सबसे बड़े सेंटर आइजीआइएमएस के न्यूरो आइसीयू के सभी बेड फुल हो चुके हैं. यहां न्यूरो आइसीयू में 24 बेड हैं और सभी ब्रेन हेमरेज के मरीजों से भरे हुए हैं. यहां रोजाना चार से आठ ब्रेन हेमरेज मरीज पहुंच रहे हैं. यहां के न्यूरो मेडिसिन वार्ड में 36 बेड हैं, इनमें से ज्यादातर पर ब्रेन हेमरेज के मरीज ही भर्ती हैं. यहां नये आने वाले मरीजों को बेड नहीं मिल पा रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 28, 2020 9:15 AM

जाड़े के आगमन के साथ ही ब्रेन हेमरेज के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. हाल यह है कि कई अस्पतालों में मरीजों की संख्या इतनी बढ़ गयी कि न्यूरो आइसीयू में बेड नहीं मिल रहे हैं. राज्य में सुपर स्पेशियलिटी इलाज के सबसे बड़े सेंटर आइजीआइएमएस के न्यूरो आइसीयू के सभी बेड फुल हो चुके हैं. यहां न्यूरो आइसीयू में 24 बेड हैं और सभी ब्रेन हेमरेज के मरीजों से भरे हुए हैं. यहां रोजाना चार से आठ ब्रेन हेमरेज मरीज पहुंच रहे हैं. यहां के न्यूरो मेडिसिन वार्ड में 36 बेड हैं, इनमें से ज्यादातर पर ब्रेन हेमरेज के मरीज ही भर्ती हैं. यहां नये आने वाले मरीजों को बेड नहीं मिल पा रहा है. जाड़े के आगमन के साथ ही ब्रेन हेमरेज के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी से जुड़ी हर Hindi News से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.

ठंड बढ़ने के बाद से ब्रेन हेमरेज के मरीजों की संख्या काफी बढ़ी

अस्पताल प्रशासन का दावा है कि दो दर्जन से ज्यादा मरीज यहां भर्ती होने के लिए कतार में हैं. ऐसे में हर रोज मरीज और उनके परिजन यहां पहुंच कर लौट रहे हैं. कुछ यही स्थिति पीएमसीएच और एनएमसीएच में भी है. पीएमसीएच के प्राचार्य डॉ विद्यापति चौधरी कहते हैं कि ठंड बढ़ने के बाद से हमारे यहां भी ब्रेन हेमरेज के मरीजों की संख्या काफी बढ़ी है.

ब्रेन हेमरेज का यह है मुख्य कारण, इससे बचे

पीएमसीएच के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ गुंजन कुमार बताते हैं कि ठंड में हर वर्ष ब्रेन हेमरेज के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है. इसका मुख्य कारण ब्लड प्रेशर या बीपी है. ठंड में बीपी का तेजी से उतार-चढ़ाव होता है, जो कि ब्रेन हेमरेज का कारण बनता है. इससे नस फटने का खतरा रहता है. इसलिए बीपी के मरीजों को सावधान रहने की जरूरत है. वे कहते हैं कि ब्रेन हेमरेज आमतौर पर रात के समय या अहले सुबह होता है. इसका खतरा उन लोगों में ज्यादा होता है जो बीपी के मरीज तो हैं, लेकिन अपनी दवा छोड़ देते हैं या समय से नहीं लेते. ब्रेन हेमरेज के शिकार वे लोग भी होते हैं, जो बीपी के मरीज बन चुके हैं, लेकिन उन्हें इसका पता नहीं है. ऐसे में बीपी की दवा नहीं ले रहे होते जो ब्रेन हेमरेज का कारण बनता है. वे कहते हैं कि ठंड के दिनों में बीपी की दवा डॉक्टर से मिलकर एडजस्ट करवानी भी पड़ती है. इसके साथ ही इन दिनों संतुलित आहार लें. बाहर का तला-भूना खाना नहीं खाएं. खाने में उपर से नमक डाल कर नहीं खाएं, इससे बीपी बढ़ने का रिस्क रहता है.

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ब्रेन हेमरेज से बचने के लिए बीपी नियंत्रण में रखें

एनएमसीएच में न्यूरोलॉजिस्ट डॉ जेड आजाद कहते हैं ठंड आते ही ब्रेन हेमरेज के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इसका मुख्य कारण बीपी है जिसे नियंत्रण में रखने की जरूरत है. अगर ब्रेन हेमरेज से बचना चाहते हैं तो बीपी को नियंत्रण में रखें .इसकी नियमित जांच करवाते रहें. बीपी के मरीज इसकी दवा नियमित रूप से तय समय पर लें. ठंड से बचे.

IGIMS ब्रेन हेमरेज के मरीज काफी बढ़े 

पिछले कुछ दिनों में आइजीआइएमएस में ब्रेन हेमरेज के मरीज काफी बढ़े हैं. हमारे यहां न्यूरो आइसीयू के सभी 24 बेड ब्रेन हेमरेज के मरीजों से भरे पड़े हैं. 32 मरीज यहां भर्ती होने के लिए वेटिंग में हैं.

डॉ मनीष मंडल, चिकित्सा अधीक्षक, आइजीआइएमएस

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