Bihar Weather: पटना. उमस भरी गर्मी से अभी राहत नहीं मिलने वाली है. मौसम विभाग की ओर से अगले दो जून तक का पूर्वानुमान जारी किया गया है. अगले तीन दिनों तक हीट वेव की स्थिति बन सकती है. इसको लेकर विभाग की ओर से लोगों को अलर्ट किया गया है. वहीं उत्तर बिहार के जिलों में आसमान में हल्के बादल के साथ 31 मई तक मौसम आमतौर पर सूखा रहेगा. मौसम विभाग के अनुसार 1-2 जून के आसपास मैदानी भागों के जिलों में कहीं-कहीं हल्की बारिश या बूंदा-बांदी होने का अनुमान है.
दर्ज हुई रिकार्ड गर्मी
बिहार में सबसे ज्यादा गर्मी मंगलवार औरंगाबाद, गया और डेहरी में देखने को मिला है. सबसे अधिक तापमान औरंगाबाद में दर्ज किया गया. औरंगाबाद में 47.7 डिग्री तापमान से लोग मंगलवार दिनभर परेशान रहे. औरंगाबाद में मंगलवार को रिकॉर्ड तोड़ तापमान देखने को मिला. गर्म पछुआ हवा के साथ दक्षिण बिहार के जिलों में मंगलवार को आसमान से पानी की जगह आग बरसा. मंगलवार को औरंगाबाद में सबसे गर्म दिन रहा. गया में 46.8, अरवल में 46.9, सासाराम में 46.5, पटना में 42.8 डिग्री तापमान दर्ज किया गया.
आने वाले दिनों में 41 डिग्री तक जायेगा पारा
पूर्वी चंपारण व सीतामढ़ी जिलों में 30 मई के बाद वर्षा की संभावना बन रही है. इस अवधि में अधिकतम तापमान 38 से 41 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है. जबकि न्यूनतम तापमान 28 तक जाने की जानकारी दी गयी है. दूसरी ओर मंगलवार को भी सुबह से लेकर शाम तक चिलचिलाती धूप और गर्मी से लोग बेहाल रहे. मौसम विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. वहीं न्यूनतम तापमान 25.6 डिग्री रहा. आने वाले दिनों में मौसम की स्थिति को देखते हुए विभाग की ओर से किसानों को भी सतर्क किया गया है.
गया का तापमान पहुंचा 47 के करीब
गया का अधिकतम तापमान मंगलवार को 46.8 डिग्री व न्यूनतम 27.2 डिग्री सेल्सियस रहा. बुजुर्गों का भी कहना है कि गया का इतना अधिक तापमान इधर चार दशकों में नहीं रिकार्ड में आया है. वर्षों बरस ऐसी गर्मी व इतना अधिक तापमान नहीं देखा. कुछ वर्ष पहले गया का अधिकतम तापमान 46 डिग्री सेल्सियस तक गया था, पर 46 के पार नहीं हुआ था. सुबह से आसमान से जैसे आग के गोले गिर रहे थे. देर शाम तक भी बेशुमार पड़ रही गर्मी से राहत नहीं मिल रही थी. हीट वेव जैसी स्थिति महसूस की गयी. बाहर निकलते ही पूरा शरीर जैसे जल रहा हो. जिन जगहों पर तालाब थे, वहां के आसपास के बच्चे दोपहर में भी गर्मी से बचने के लिए तालाब में नहाते देखे गये.
तीन घंटे तक सड़कों पर वीरानी
मंगलवार की बेशुमार पड़ रही गर्मी, चिलचिलाती धूप व लू के थपेड़े से व्यक्ति तो क्या पशु-पक्षी भी अपने को बचाते दिखे. दोपहर में तो करीब तीन घंटे तक सड़कों पर वीरानी सी छायी रही. ऐसे में स्कूल खोल दिये गये हैं. स्कूली बच्चे धूप में पसीने से तर-ब-तर होते घर की ओर जाते देखे गये. सोमवार को अधिकतम तापमान 38.2 डिग्री सेल्सियस था. सोमवार की तुलना में मंगलवार को अधिकतम तापमान में अचानक से 8.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ गया. मौसम पूर्वानुमान के मुताबिक बुधवार को भी हीट वेव चलेगी.
झुलसाने वाली गर्मी और लू से लोग घरों में दुबके
बेगूसराय जिले में झुलसा देने वाली गर्मी और लू से लोग मंगलवार को हलकान रहे. साइक्लोन रेमल के प्रभाव से मात्र एक दिन गर्मी से राहत मिली. पुन: गर्मी अपना तेवर दिखाना शुरु कर दिया.लोग साइक्लोन के कारण एक दिन बाद ही ऐसी गर्मी बढ़ जाने की कल्पना भी नहीं किया था. शहर से लेकर गांव तक बढते गरमी के प्रकोप से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है.ऐसा महसूस हो रहा है मानो आकाश आग उगल रहा है. मंगलवार को अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गयी. वही न्यूनतम तापमान भी 28 डिग्री से नीचे नही जा सका. वहीं आने वाले एक सप्ताह में तापमान में कमी आने के संकेत नही है. पूरे जिले में तपती गर्मी के साथ चिलचिलाती धूप का असर एक सप्ताह में और अधिक परवान चढने के संकेत मौसम विभाग के द्वारा दी जा रही है.
गर्मी के प्रभाव में कूलर भी काम करना किया बंद
गर्मी से दुकानदार से लेकर सरकारी कर्मचारी भी हलकान है.सरकारी दफ्तरों के अधिकांश कूलर चलते तो जरुर हैं परंतु उनकी ठंडक गायब नजर आ रही है.हवा भी नही के बराबर चल रही है.कर्मचारी लोग उमस और पसीने से हलकान होकर बीच बीच में हवा खाने के मूड में बाहर बरामदे पर निकल तो जाते है.परंतु हवा का एहसास कमरे के बाहर भी नही मिल पाता.मात्र 10 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही है.अगले पांच दिनों तक प्रतिदिन तापमान में गिरावट के कोई आसार नही है. गरमी के कारण रसदार फलो व जूस की दूकानों पर भीड़ देखी जा रही है. खीरा, तारबूज, पपीता, नारियल पानी, गन्ने का रस आदि की बिक्री भी काफी बढ गयी है.लोग गरमी और प्यास दूर करने के लिए इन फलो का सेवन कर रहें हैं.
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सड़कों पर उड़ रही धूल से लोग हो रहे परेशान
गर्मी के मौसम में नमी के घट जाने से धूल उड़ने लगती है.शहरी क्षेत्रों में सड़कों पर काफी धूल उड़ रही है.लोग धूल से परेशान है.शहर के हर सड़क तोड़कर सिवरेज और नलजल की पाइप विछाने हेतू जो गढ्ढे किए गये थे उससे भी काफी मिट्टी निकली थी.कुछ फिर गढ्ढे भर कर रिस्टोरेशन भी कर दी गयी.फिर भी कुछ मिट्टियां सड़कों के किनारे रह गयी.वो सारी मिट्टियां शुष्क होकर हवा में तैर रहें हैं.शहर में काफी संख्या में भवन निर्माण जारी है.भवन निर्माण के लिए जो गिट्टी बालू आदि गिराये जाते है.लोग जागरुकता के अभाव में उसे ढंक कर नही रखते.जिसके परिणाम है कि हवा के साथ वो इधर उधर उड़ रहें है जिससे लोग परेशान है.