Bihar weather: बिहार के लोगों को प्रचंड गर्मी से मिलेगी राहत, जानें कब से होगी झमाझम बारिश
Bihar weather मौसम विभाग ने पूर्णिया और आसपास के जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग ने यहां पर तेज हवाओं के साथ बारिश और मेघगर्जन की संभावना जताया है.
Bihar weather प्रचंड गर्मी से बिहार के लोगों को शीघ्र ही राहत मिलेगी. मौसम विभाग के अनुसार बिहार में अब अगले 36 घंटे के अंदर मानसून के प्रवेश करने की संभावना है. आईएमडी के अनुसार में 20 से 21 जून तक बिहार में मॉनसून आ जाएगा. मौसम के प्रवेश करने से पहले मौसम विभाग ने पूर्णिया और आसपास के जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग ने यहां पर तेज हवाओं के साथ बारिश और मेघगर्जन की संभावना जताया है. मौसम विभाग की मानें तो पूर्णिया में आगामी 22 जून तक कहीं हल्की तो कहीं मध्यम बारिश और धूल भरी आंधी के आसार हैं. वैसे, मंगलवार को आकाश में बादल छाए रहे और मौसम खुशगवार बना रहा.
दरअसल, मानसून की आस लिए मंगलवार की सुबह लोग जगे पर बारिश की बूंदें नसीब नहीं हुईं. यह अलग बात है कि आसमान में बादलों के बवंडर नजर आए और पुरवैया हवा के झोंकों से राहत मिली. सुबह में बादल इस कदर घिर आए थे मानो अब बारिश हो जाएगी पर यह स्थिति नहीं आयी. जैसे-जैसे दिन चढ़ते गये आसमान से कालापन साफ होता गया पर बादलों का असर पूरे दिन रहा. घरों से बाहर पुरवैया भले ही राहत दे रही हो पर अंदर रहने वाले लोग उमस से परेशान रहे. इस दौरान पंखा और कूलर सहारा बना पर बिजली बार-बार बाधा डालती रही. इधर, मौसम विभाग की मानें तो मंगलवार की रात में मेघ गर्जन के साथ मध्यम दर्जे की बारिश हो सकती है. इस दौरान हवा की गति 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे रहने की संभावना है.
किसानों को सता रही बुआई की चिंता
इस बार धान के बिचड़ा बुआई को लेकर जिले के किसान चिन्तित हो रहे हैं. आलम यह है कि रोहिणी नक्षत्र में बारिश नहीं हुई जबकि मृगशिरा नक्षत्र चल रहा है. 22 जून से आद्रा नक्षत्र की शुरुआत हो रही है. जिले में प्री मानसून की बारिश भी नहीं के बराबर हुई है. हालांकि पंपसेट से पटवन कर बुआई का काम चल रहा है पर किसान भी मानते हैं कि धान की बुआई में पंपसेट का पटवन ‘उंट के मुंह में जीरा के फोरन’ वाली कहावत जैसा है. यही वजह है कि किसान इस समय बारिश का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं क्योंकि बूंदाबांदी को छोड़कर अबतक ऐसी बारिश नहीं हुई है, जिससे किसानों को कुछ खास फायदा हो. याद रहे कि जिले में बड़े पैमाने पर धान की खेती की जाती है और इसके लिए बारिश का पानी ही सक्षम माना जाता है.
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