हवा की दिशा निश्चित नहीं रह रही है. कभी दक्षिणी-पश्चिमी, तो कभी उत्तरी-पश्चिमी दिशा से हवा बह रही है. कभी-कभी किसी अन्य दिशा से बहने लगती है. गुरुवार को भी दक्षिणी-पश्चिमी व उत्तरी-पश्चिमी दिशा से हवा आठ से 10 किलोमीटर की रफ्तार से बहती रही. ऐसी हवा आग को विकराल रूप बनाने में देर नहीं करती. लिहाजा अगलगी की आशंका बढ़ी हुई है. जिला आपदा प्रबंधन विभाग ने प्रखंडों को 6.67 लाख रुपये जारी कर दिया है, ताकि अगलगी की घटना होने पर पीड़ितों को राहत मुहैया कराया जा सके.
जिला प्रशासन ने सतर्क रहने की अपील जिलेवासियों से की है. तेज पछुआ हवा व भीषण गर्मी के कारण जिले में अगलगी की घटनाएं बढ़ने लगी है. इसको लेकर जिला प्रशासन सजग हो गया है. इससे बचाव के तरीके से लोगों को अवगत कराया जा रहा है. हाल के दिनों में हुई अगलगी में पीरपैंती में तीन बच्चे की मौत जलने से हो गयी. गरीबों के आशियाने उजड़ गये.
आमतौर पर लोग अपने-अपने समय के मुताबिक किचेन का काम करते हैं. खास कर ग्रामीण इलाके में रहने वाले गरीब व मध्यमवर्गीय परिवार के लोग अब भी कोयले, लकड़ी, पुआल के जलावन से खाना पकाते हैं. अभी तेज पछुआ हवा चल रही है. इस कारण चूल्हे से उठनेवाली चिनगारी से आग लगने का खतरा बना रहता है.
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आग लगने की घटना से बचने के लिए खास कर ग्रामीण इलाके में खेत-खलिहानों के पास विशेष चौकसी बरतने की जरूरत है. नासमझी के कारण जो जलती हुई बीड़ी-सिगरेट के टुकड़े खेत या खलिहान में फेंक देने से यह धीरे-धीरे सुलग कर आग लगा देती है. ऐसी नौबत नहीं आये, इसके लिए जरूरी है कि लोग चौकसी बरतते हुए खेत-खलिहान के आसपास बीड़ी-सिगरेट नहीं पीएं और न ही किसी को पीने दें.
बिजली विभाग को निर्देश दिया गया है कि बिजली के ढीले तार आपस में टकराकर चिनगारी उत्पन्न करते हैं. इससे आगजनी की घटनाएं होने की आशंका रहती है. ऐसे तारों को चिह्नित कर दुरुस्त करवाने की व्यवस्था करें.
गर्मी का मौसम है और पछुआ हवा चलने लगी है. इसके कारण छोटी-सी चूक होने पर अगलगी की घटना हो सकती है. इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने आम लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है.
-दिन का खाना नौ बजे सुबह के पहले व रात का खाना शाम छह बजे के बाद बनायें
-खाना बना कर चूल्हे की आग को पानी से अच्छी तरह से बुझा दें
-हवन-अनुष्ठान आदि का काम सुबह नौ बजे से पूर्व कर लें
-बिजली के लूज तार दिखे, तो इसकी सूचना बिजली विभाग या जिला प्रशासन को अवश्य दें
-खेतों में फसल काटने के बाद बचे डंठल को नहीं जलायें
-खेत खलिहान के आसपास बीड़ी, सिगरेट न पीएं, न पीने दें
-दिया, लालटेन, मोमबत्ती को ऐसी जगहों पर न रखे जहां से गिरकर आग लगने की संभावना हो
-सामूहिक भोजन बनाने की जगह पर दो से तीन ड्रम पानी अवश्य रखें
Posted By: Thakur Shaktilochan