Bihar Weather: बिहार में बारिश पर ब्रेक लग चुका है. बिहार का मौसम एकबार फिर से करवट ले चुका है और सूबे में पिछले दिनों हुई बारिश के बाद अब गर्मी व उमस ने फिर से लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया है. बारिश का सिस्टम अब सक्रिय नहीं है जिसके कारण लगभग सभी जिलों का मौसम शुष्क बना हुआ है. बीते कुछ दिनों के अंदर मौसम ने करवट ली थी और लोगों को गर्मी से राहत मिली थी लेकिन अब तापमान में भी बढ़ोतरी हो चुकी है. बारिश के आसार अभी नहीं हैं. इधर, सूबे की नदियों में उफान है जिससे बाढ़ जैसे हालात कई इलाकों में बन गए हैं.
बिहार में कमजोर पड़ा मानसून
बिहार में मानसून कमजोर पड़ चुका है. मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में बिहार के अधिकतर जिलों का मौसम शुष्क ही रहने वाला है. पटना मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, बिहार के किसी भी जिले में कोई चेतावनी नहीं है. बारिश के आसार अभी नहीं हैं. कोसी-सीमांचल के जिलों में बादल आसमान में दिख सकते हैं लेकिन बारिश की संभावना बेहद कम है. दरअसल मानसून का जो सिस्टम बिहार के आसपास बना हुआ था वो अब मध्य प्रदेश की ओर शिफ्ट हो गया है जिससे बिहार में बारिश की संभावना अभी लगभग समाप्त हो चुकी है.
बिहार के अधिकतर जिलों का पारा चढ़ा
बिहार के अधिकतर जिलों के तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गयी है. गुरुवार को बिहार का सबसे अधिक गर्म जिला बांका रहा जहां का तापमान 38.2 डिग्री दर्ज किया गया. केवल तीन जिलों के अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज हुई है. मधुबनी, अरवल और कटिहार का ही पारा गिरा है. अन्य जिलों के तापमान में बढ़ोतरी ही हुई.
22 सितंबर को हल्की बारिश की संभावना
भागलपुर में दो दिन पहले लगातार हुए बारिश से लोगों को काफी राहत मिली. वहीं धान की फसल में संजीवनी का इसने काम किया. लेकिन उसके बाद 17 सितंबर से हुए तेज धूप से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं इस धूप से थोड़ी राहत मिलने की संभावना मौसम विभाग ने जतायी है. बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के नोडल पदाधिकारी डॉ वीरेंद्र कुमार के अनुसार 22 सितंबर की अवधि में जिले में हल्की वर्षा होने की संभावना है. इस अवधि में असमान में बादल देखें जा सकते है.
बिहार की नदियों का जलस्तर बढ़ा
इधर, सूबे की नदियों में फिर एकबार उफान देखा जा रहा है. नदियाें का जलस्तर तेजी से बढ़ा है जिससे कई इलाकों में बाढ़ के हालात बन गए हैं. वहीं नदियों में उफान के कारण डूबने की घटनाएं भी बढ़ी हैं. कई जिलों में डूबने से लोगों की मौत हुई है. वहीं आधा दर्जन जिलों में एनडीआरएफ की टीम तैनात की गयी है.