लंबे समय के बाद जुलाई की पहली बारिश ने जलावन साबित हो रहे सावन को मनभावन और सुहाना बना दिया है. इससे न सिर्फ शहर से गांव तक उमस व भीषण गर्मी से बेहाल लोगों को राहत मिली है, बल्कि धान व गन्ना आदि खरीफ फसलों को काफी लाभ पहुंचा है. इस बीच बुधवार को दोपहर में अचानक आयीं मूसलाधार बारिश से किसानों के चेहरे खिलखिला उठा. सावन की पहली बारिश का आनंद लोगों ने भीगकर भी लिया.
बता दें कि प्राकृतिक बेरुखी के चलते बारिश नहीं होने से धान और गन्ना की फसलें सूख रही थी. धान की रोपनी पंप सेट के सहारे किसानों ने कर पिछले पंद्रह दिनों से बारिश का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. बारिश नहीं होने से धान के खेतों में दरारें पड़ने लगा था. जिसको देखकर किसान छाती पीट रहे थे. बारिश होने से आम लोगों ने भीषण गर्मी से राहत की सांस ली है. बारिश को देख किसानों का कलेजा चौड़ा हो गया है.
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मौसम का अचानक मिजाज बदला तो बुधवार को मूसलाधार बारिश हुई. बारिश शुरू होते ही जगह जगह के किसानों ने अपने गांव बारिश होने की सूचना मोबाइल पर जानकारी लेने में जुटे रहे. बारिश का आनंद छात्रों ने भींग कर उठाया. बारिश के बाद किसान खाद के लिए इधर से उधर दुकानों में दौड़ने लगे हैं. खाद दुकानों में यूरिया की किल्लत से किसान महंगे दामों पर यूरिया की खरीदारी करने को मजबूर हो गये हैं.
अमूमन प्रतिवर्ष 15 से लेकर 21 जून तक मानसून आने का समय माना जाता है. लेकिन इस वर्ष जून माह में मानसून के समय एक दो दिन वर्षा के बाद वर्षापात शून्य हो गया. हालांकि लंबे समय से किसान मानसून की बारिश का इंतजार कर रहे थे. वर्षा नहीं होने से पंप सेट के सहारे खेती करने वाले किसानों की लागत खर्च को लेकर चिंता कम नहीं हो रही थी. मौसम विभाग के अलर्ट के बाद भी बारिश नहीं होने से किसानों में बेहद हताशा व निराश होने लगी थी. इसी बीच लंबा इंतजार के बाद जुलाई की पहली वर्षा से आगे भी बारिश के होने और गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद जग गयी है.