Weather News : बिहार में बारिश का दौर जारी है. इधर, नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रही बारिश (Nepal Rain) से बिहार में गंडक और कोसी नदी का जलस्तर काफी बढ़ा दिया है. कोसी व गंडक बराज से काफी अधिक पानी शनिवार को छोड़ा गया जिससे बाढ़ का संकट बिहार के कई जिलों में गहरा गया है. बिहार का मौसम भी अभी उसी तेवर में है और कई जिलों में बारिश हुई है. जिलों का तापमान गिरा है. इधर, मौसम विभाग ने कई जिलों के लिए ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किए हैं.
मौसम विभाग का अलर्ट जारी…
IMD पटना ने शनिवार को अलर्ट जारी किया है. नालंदा,पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सारण,सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, वैशानी, बक्सर, गया, जमुई, दरभंगा, कैमूर, मधुबनी के कुछ हिस्सों में शनिवार को बारिश और ठनके की संभावना देखते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.जबकि पटना समेत सारण व सिवान और कुछ अन्य जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया.
मौसम का तांडव क्यों दिख रहा?
बता दें कि उत्तर-पश्चिम बंगाल में कम हवा का दबाव अभी बना हुआ है. एक मजबूत ट्रफ लाइन उत्तर-पश्चिम बिहार से गुजर रही है. इसका असर बिहार के मौसम पर दिखने की संभावना जतायी गयी थी. मौसम विज्ञानियों की मानें तो यह ट्रफ लाइन हिमालय की तलहटी से उत्तर-पूर्व की ओर मुड़ेगी और नेपाल की तलहटी और उसके आसपास के क्षेत्रों में इसकी वजह से भारी बारिश होगी. इन इलाकों की नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ेगा. बिहार की नदियों का जलस्तर भी बढ़ेगा. लोगों को नदियों से दूर रहने की सलाह दी गयी है.
बिहार में बाढ़ का संकट गहराया
गौरतलब है कि मानसून की विदाई 30 सितंबर से होने लगती है लेकिन अभी जो हालात बने हुए हैं उसके हिसाब से इसमें अभी वक्त लग सकता है. नेपाल की बारिश भी बिहार का संकट बढ़ाए हुए है. नेपाल की सभी नदियां रेड अलर्ट पर है. नेपाल में बारिश का दौर अभी थमता नजर नहीं आ रहा है. जिसने बिहार की चिंता भी बढ़ा दी है. नेपाल की नदियां उफनाई तो इससे बिहार की नदियों का भी जलस्तर तेजी से बढ़ा. गंडक और कोसी बराज से रिकॉर्ड स्तर पर पानी छोड़े जा रहे हैं. जिससे कई इलाकों में भय का माहौल बना हुआ है. आपदा विभाग ने अचानक आने वाली बाढ़ को लेकर 13 जिलों के डीएम को अलर्ट किया है.
जिलों को अलर्ट किया गया, बराजों के सारे फाटक खोले गए
बता दें कि शुक्रवार को ही जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव ने इसे लेकर जिलों को अलर्ट कर दिया था. वहीं शुक्रवार की रात से ही तटबंध के अंदर से लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील की जाती रही. तटबंध की निगरानी बढ़ा दी गयी. देर रात से ही बराज पर दबाव बढ़ने लगा और कोसी व गंडक बराज के सारे फाटक शनिवार को खोल दिए गए. 5 लाख क्यूसेक से अधिक पानी कोसी बराज से छोड़े गए. जबकि गंडक बराज से करीब 4 लाख क्यूसेक पानी छोड़ जा चुका है. नेपाल और बिहार में बारिश का दौर इसी तरह जारी रहा तो स्थिति अधिक बिगड़ सकती है.