Bihar: पश्चिमी गंडक नहर प्रणाली को किया जा रहा दुरुस्त, सारण समेत तीन जिलों में होगी बेहतर सिंचाई
Bihar: पटना. बिहार में पश्चिमी गंडक नहर प्रणाली को दुरुस्त किया जा रहा है. इस काम के पूरे हो जाने से सारण समेत तीन जिलों में सिंचाई की सुविधा बढ़ेगी.
Bihar: पटना. राज्य में पश्चिमी गंडक नहर प्रणाली से सारण, सीवान और गोपालगंज जिला के करीब तीन लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बेहतर सिंचाई क्षमता विकसित करने की तैयारी की जा रही है. इसके तहत जल संसाधन विभाग ने करीब 1.58 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में नई सिंचाई क्षमता का सृजन करने की योजना पर काम शुरू किया है. साथ ही मुख्य नहर और इससे निकलने वाले पुराने वितरणियों को ठीक कर करीब 1.47 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधाओं को विकसित करने की तैयारी की है. इसपर सारण जिले में काम शुरू हो चुका है. इसका मकसद गंडक में आने वाली बाढ़ के पानी का अधिकतम इस्तेमाल सिंचाई के लिए करना और बाढ़ से होने वाले नुकसान को रोकना है.
इलाके को बाढ़ से मिलेगी मुक्ति
सूत्रों के अनुसार इस समय गंडक नदी में आने वाली बाढ़ से बहुत बड़े इलाके में सबसे अधिक तबाही होती है. यहां कभी मई , तो कभी जून में ही बाढ़ आ जाती है. दरअसल गंडक नेपाल से बहती हुई वाल्मीकिनगर में बराज के माध्यम से बिहार में प्रवेश करती है. अधिक पानी होने पर इसमें बाढ़ आ जाती है और गंडक नदी के बाढ़ से इलाके में तबाही भी शुरू हो जाती है. ऐसे में जल संसाधन विभाग ने बाढ़ के इस पानी का उपयोग अधिक- से- अधिक सिंचाई कार्यों में करने की योजना बनायी है.
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फिलहाल करीब 11.50 लाख हेक्टेयर में सिंचाई क्षमता
वाल्मीकिनगर बराज से निकलने वाली नहरों से सात जिला के 11.50 हेक्टेयर में सिंचाई क्षमता:राज्य में वाल्मीकिनगर बराज से निकलने वाली नहरों से फिलहाल करीब सात जिला के करीब 11.50 लाख हेक्टेयर में सिंचाई क्षमता है. खासकर गंडक नदी से खरीफ फसलों के लिए 5.35 लाख हेक्टेयर में सिंचाई होती है. इसमें पूर्वी नहर प्रणाली से करीब 3.38 लाख हेक्टेयर में सिंचाई होती है. वहीं , पश्चिमी नहर प्रणाली से करीब 1.96 लाख हेक्टेयर इलाके में सिंचाई होती है. इसके साथ ही गंडक की नहरों से रबी फसलों में करीब 1.51 लाख हेक्टेयर में सिंचाई होती है. ऐसे में नये नहरों के निर्माण से गंडक नदी की सिंचाई क्षमता में बढ़ोतरी होगी. साथ ही बाढ़ से होने वाले नुकसान में भी कमी आयेगी.