बिहार में अब मेयर और डिप्टी का चुनाव सीधे जनता के वोट से होगा. सरकार ने बिहार नगरपालिका (संशोधन) अध्यादेश-2022 लागू कर दिया है और इसके साथ ही इसकी नियमावली को लेकर भी तैयारियां तेज हो गयी हैं. अप्रैल-मई में होने वाले नगर निकायों के चुनाव में हर मतदाता को अपने वार्ड पार्षद के साथ ही मेयर व डिप्टी मेयर या मुख्य पार्षद व उप मुख्य पार्षद के लिए भी वोट देना पड़ेगा. वहीं ऐसी ही व्यवस्था अब जिला परिषद अध्यक्ष व प्रखंड प्रमुख चुनाव के लिए भी होने की संभावना है.
नगर निकाय चुनाव में मेयर-डिप्टी मेयर और मुख्य पार्षद व उप मुख्य पार्षद के चुनाव के लिए प्रत्यक्ष निर्वाचन प्रणाली लागू होने के बाद इसका असर अब अगली बार होने वाले पंचायत चुनाव पर भी पड़ सकता है. अब जिला परिषद अध्यक्ष और प्रखंड प्रमुख के पद पर भी जनता के सीधे वोटों से फैसला हो सकता है. अभी वर्तमान में यह व्यवस्था लागू है कि पंचायत चुनाव में जीते जिला पार्षद ही बहुमत से जिला परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष जैसे पद के लिए उम्मीदवार को चुनते हैं.
वर्तमान में जो व्यवस्था है उसमें जिला परिषद अध्यक्ष और प्रखंड प्रमुख के पद पर कब्जा जमाने के लिए खरीद-बिक्री की जाती है. ऐसी शिकायतें कई जगहों से आती रही है. ऐसा ही कुछ मेयर और डिप्टी मेयर के लिए होता रहा है जिसमें वार्ड पार्षदों पर पैसे लुटाए जाते रहे हैं. अब हॉर्स ट्रेडिंग पर रोक लगाने के लिए सभी पदों पर जनता के वोटों से ही फैसला हो सकता है.
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गौरतलब है कि बिहार में अब डिप्टी मेयर और मेयर के पद पर सीधे जनता के वोटों से चुनाव कराने के लिए पूर्व के दो नियमों को बदला गया है. जिन दो विधेयकों में संशोधन किया गया है उसमें अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रावधान भी हटाया गया है. अध्यादेश जारी होने के बाद नियमावली तैयार कर उसे ससमय लागू कराने में नगर विकास एवं आवास विभाग के साथ ही विधि विभाग भी जुटा है.
Posted By: Thakur Shaktilochan