बिहार से 18 देशों में काम के लिए पहुंच रहे हैं बिहारी
पटना, सीवान, गोपालगंज, चंपारण और किशनगंज से अधिक है लोगों की संख्या
– पटना, सीवान, गोपालगंज, चंपारण और किशनगंज से अधिक है लोगों की संख्या संवाददाता, पटना बिहार के विभिन्न जिलों से हर साल हजारों लोग विदेश काम की तलाश में जाते है. इनमें पटना, सीवान, चंपारण , गोपालगंज व किशनगंज से अधिक लोग हैं. श्रम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक कोरोना के बाद दोबारा से बिहार के विभिन्न जिलों से दूसरे देशों में जाने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है. वहीं, 2019 में देशभर से तीन लाख 68 हजार 48 लोग काम के लिए विदेश गये. इनमें से बिहार के 55 हजार 423 लोग थे. कोरोना के कारण 2020 में देशभर से 94 हजार 145 लोग विदेश गये. इनमें बिहार के 13 हजार 911 लोग विदेश गये थे. 2021 में देश से एक लाख 32 हजार 673 लोग विदेश गये, जिनमें से बिहार के 24 हजार 526 लोग थे.2022 में विदेश जाने वालों की संख्या बढ़ गयी. देश से तीन लाख 29 हजार 699 लोग विदेश गये, जिनमें से बिहार के 53 हजार 781 लोग थे. वहीं, इस वर्ष मार्च तक बिहार के सात हजार 417 लोग विदेश जा चुके हैं. विदेश जाने से पहले दिया जाता है इमिग्रेशन बिहार से विदेश जाकर रोजगार करने वालों को मेडिकल सर्टिफिकेट और अन्य दस्तावेजों की जांच-पड़ताल पटना में अवस्थित विदेश मंत्रालय के कार्यालय प्रोटेक्टर्स ऑफ इमिग्रेंट ऑफिस के माध्यम से हो रही है. पहले पटना में कार्यालय नहीं होने पर बिहार के लोगों को कोलकाता या रायबरेली जाना पड़ता था. अब पटना के नियोजन भवन में इसका कार्यालय है. वैसे पटना में विदेश भवन बनाने के लिए गर्दनीबाग में 1.46 एकड़ जमीन चिह्नित की गयी है. कम पढ़े-लिखे लोगों का हो रहा उन्मुखीकरण बिहार से कम पढ़े-लिखे लोगों के विदेश जाने पर उनका उन्मुखीकरण (ओरिएंटशन) किया जा रहा है.इसके लिए 36 अधिकारियों को मास्टर ट्रेनर बनाया गया है. पटना, गया, पूर्णिया, मुजफ्फरपुर व दरभंगा प्रमंडल में लगने वाले उन्मुखीकरण कार्यक्रम में कामगारों को विदेश में बरती जाने वाली सावधानियों से अवगत कराया जा रहा है. जिलों के नियोजनालयों के माध्यम से भी इसका प्रचार-प्रसार किया जा रहा है.विदेश जाने से पहले अगर कोई समुद्रपार नियोजन ब्यूरो को पूरी जानकारी देते हैं ,तो उन्हें चिकित्सा बीमा की सुविधा भी उपलब्ध करायी जाती है. बिहार के इन जिलों से सबसे अधिक लोग जाते हैं विदेश जिला @ 2020 @ 2021 @ 2022@2023@2024 मार्च तक पटना @ 678 @ 38 @ 6993@ 7078@ 2106 सीवान @ 2660 @ 219 @ 8310@ 8910@1465 सारण @ 564 @ 30 @ 2272@2179@417 गोपालगंज @ 2721 @ 205 @ 8751@9541@1350 पूर्वी चंपारण @ 744 @ 49 @ 3657@3601@307 मधुबनी @ 699 @ 00 @ 4389@3952@176 मुजफफरपुर @ 574 @ 34 @ 1917@2087@256 किशनगंज @ 331 @ 00 @ 2232@4015@308 सीतामढ़ी @ 389 @ 00 @ 2112@2012@108 पश्चिम चंपारण @ 1023 @ 109 @ 4262@5210@634 पूर्णिया @ 416 @ 00 @ 2846@2710@87 बक्सर @ 284 @ 00 @ 00@106@11 सुपौल @ 00 @ 00 @ 1318@2769@131 अररिया @ 00 @ 00 @ 1586@1307@60 इन देशों में सबसे अधिक काम के लिए पहुंचते हैं बिहारी – संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, कुवैट, कतर, ओमान, बहरीन, मलेशिया, अफगानिस्तान, इंडोनेशिया, इराक , जॉर्डन, लेबनान, लीबिया, दक्षिण सूडान, सीरिया, थाइलैंड, यमन व सूडान यानी कुल 18 देशों में बिहारी अधिक जा रहे हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है