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बिहार का स्टार्टअप इकोसिस्टम लगातार पकड़ रहा है गति : डॉ सत्यजीत कुमार सिंह

पारंपरिक रूप से अपनी कृषि अर्थव्यवस्था के लिए जाना जाने वाला बिहार तेजी से नवाचार और उद्यमिता के केंद्र के रूप में उभर रहा है.

फोटो है संवाददाता, पटना पारंपरिक रूप से अपनी कृषि अर्थव्यवस्था के लिए जाना जाने वाला बिहार तेजी से नवाचार और उद्यमिता के केंद्र के रूप में उभर रहा है. पिछले कुछ वर्षों में राज्य सरकार नवाचार को बढ़ावा देने, बुनियादी ढांचे में सुधार करने और नवोदित उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से पहल और नीतियों के साथ स्टार्टअप इकोसिस्टम को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रही है. इन प्रयासों का केंद्र बिहार स्टार्टअप नीति 2022 है, जिसका उद्देश्य युवा उद्यमियों को अपने उद्यम शुरू करने और बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करके राज्य की आर्थिक वृद्धि को गति देना है. यह कहना है सीआइआइ बिहार राज्य परिषद के अध्यक्ष और रुबन पाटलिपुत्र अस्पताल के प्रबंध निदेशक डॉ सत्यजीत कुमार सिंह का. जानकारी देते हुए डॉ सिंह ने बताया कि बिहार राज्य भारत के व्यापक स्टार्टअप परिदृश्य में एक प्रमुख खिलाड़ी बनने के लिए तैयार है. डॉ सत्यजीत सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने करीब 680 स्टार्टअप कंपनियों को 42.29 करोड़ से अधिक की सीड फंड (नये स्टार्टअप उद्यम को वित्तीय सहायता के लिए दी जाने वाली राशि से है) दिया है. इसमें 2017 की नीति के तहत 145 कंपनियों को 11.42 करोड़ रुपये का सीड फंड और 2022 की स्टार्टअप नीति के तहत 533 स्टार्टअप को 30.87 करोड़ रुपये का सीड फंड दिया गया है. उन्होंने बताया कि अब राज्य के पंजीकृत स्टार्टअप में महिलाओं की हिस्सेदारी 15 प्रतिशत से अधिक है. आज तक बिहार में कुल 816 स्टार्टअप पंजीकृत हैं, जिनमें से 126 महिलाओं के स्वामित्व में हैं.

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