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Bihta Airport: बिहटा एयरपोर्ट के रनवे विस्तार में क्यों फंसा है पेंच, पूरब और पश्चिम का जानें क्या है विवाद

Bihta Airport रनवे विस्तार के लिए करीब 191 एकड़ जमीन की जरुरत है.इसके लिए सरकार ने पहले रनवे के पूरब में सर्वे कराया था. सरकार के इस सर्वे को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा स्वीकृति भी मिल गई. लेकिन, सरकार ने अब एक नया सर्वे पश्चिम दिशा की ओर कराया. इसको लेकर विरोध शुरु हो गया.

By RajeshKumar Ojha | November 21, 2024 5:54 PM
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Bihta Airport: बिहटा एयरपोर्ट के रनवे विस्तार में क्यों फंसा है पेंच, पूरब और पश्चिम का जानें क्या है विवाद बिहटा में बनने वाले अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का किसान विरोध कर रहे हैं. विरोध कर रहे किसानों का कहना है कि हम अपनी जान दे देंगे, लेकिन अपनी जमीन नहीं देंगे. मामले के निराकरण को लेकर डीएम से लेकर मुख्य सचिव तक बिहटा का दौरा कर चुके हैं. लेकिन कोई निराकरण निकलते नहीं दिख रहा है. किसानों का कहना है कि सरकार ने पहले ही एयरपोर्ट के लिए दो बार जमीन अधिग्रहण कर चुकी है. अब हम नहीं देंगे. किसानों के इस फैसले के बाद सरकार के लिए जमीन अधिग्रहित करना मुसीबत बन गया है.

क्यों फंसा है पेंच?

बिहटा में बन रहे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रनवे विस्तार के लिए करीब 191 एकड़ जमीन की जरुरत है.इसके लिए सरकार ने पहले रनवे के पूरब में सर्वे कराया था. सरकार के इस सर्वे को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा स्वीकृति भी मिल गई. लेकिन, सरकार ने अब एक नया सर्वे पश्चिम दिशा की ओर कराया. इसको लेकर विरोध शुरु हो गया. कोरहर, गोकुलपुर, मठिया, देवकुली सहित एनएच 30 के किनारे रहने वाले हजारों किसान इसके विरोध में सड़क पर उतर गए हैं.

पूरब की जगह पश्चिम में सरकार क्यों विस्तार चाहती है

सरकार बिहटा में बनने वाले अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रनवे का विस्तार पूरब जगह पश्चिम में क्यों करना चाहती है. इसका जवाब देते हुए स्थानीय लोग कहते हैं कि रनवे का विस्तार पश्चिम में होता है तो कई गांव समाप्त हो जायेंगे. बड़ी संख्या में एनएच के किनारे अपना रोजी रोटी कर रहे लोग एक बार फिर से बेरोजगार हो जायेंगे.

कृषि का लाइफ लाइन नहर समाप्त हो जायेगा. लेकिन, रनवे का विस्तार अगर पूरब में होता है तो इस प्रकार की कोई समस्या नहीं आयेगी. हम सरकार को यही समझाने का प्रयास कर रहे हैं. इसको लेकर ही हम विरोध कर रहे हैं. कुछ दिन पहले ही हम लोगों ने मानव शृंखला बनाकर इसका विरोध किया था.जो देवकुली मोड़ से बिहटा चौराहा तक करीब 4 किलोमीटर तक था.

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