संवाददाता, पटना: क्राइम कंट्रोल करने के लिए पटना में हाल के दिनों में करीब 10 नये थाने खोले गये. अब पटना जिले में कुल 88 थाने हैं. शहरी क्षेत्र में करीब 40 थाने हैं. तमाम कवायदों के बाद भी राजधानी में बाइक चोरी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं. यो कहें कि चोर पलक झपकते बाइक की चोरी कर फरार हो जा रहे हैं. पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच को ठंडे बस्ते में डाल दिया. पुलिस आंकड़ों के अनुसार हर महीने जिले में 500 से अधिक बाइकों पर चोर हाथ साफ कर रहे हैं. अगर 50 हजार रुपये के हिसाब से भी प्रत्येक बाइक के दाम लगाये जाएं, तो हर महीने ढाई करोड़ रुपये की बाइक चोरी हो जा रही हैं. पूर्वी थाना क्षेत्रों में सबसे अधिक चोरी : इस साल जनवरी में 503, फरवरी में 507, मार्च में 512 बाइक की चोरी हुई है. पुलिस आंकड़ों की बात करें, तो बीते तीन महीने में एसपी पूर्वी के क्षेत्र में 987, एसपी पश्चिमी के इलाके में 434, एसपी मध्य के क्षेत्र में 301 और एसपी ग्रामीण के क्षेत्र में 108 बाइक की चोरी हुई है. मालूम हो कि हर महीने एसएसपी राजीव मिश्रा क्राइम मीटिंग में बाइक चोरी, मोबाइल व चेन स्नैचिंग और घर में चोरी की घटनाओं को लेकर कई दिशा-निर्देश देते हैं. बावजूद चोर दिनदहाड़े बाइक चोरी कर रहे हैं. आपराधिक और शराब डिलिवरी में इस्तेमाल करते हैं चोरी की बाइक : बाइक चोर गिरोह महज कुछ मिनटों में कोई भी बाइक का लॉक तोड़कर चोरी कर फरार हो जाते हैं. पुलिस के वरीय अधिकारियों की मानें, तो चोरी की बाइक का इस्तेमाल आपराधिक घटनाओं और शराब की डिलिवरी करने में किया जा रहा है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि पटना से चोरी हुई बाइक सबसे ज्यादा वैशाली के राघोपुर दियारा इलाके में भेजी जा रही हैं. सीसीटीवी तक ही सिमट जाती जांच : बाइक चोरी के मामले में पुलिस प्राथमिकी दर्ज करने के बाद सीसीटीवी तक तो जांच बहुत ही तत्परता से करती है, लेकिन जब चोरों की गिरफ्तारी की बात करें, तो सीसीटीवी तक ही जांच सिमट कर रह जाती है. चोरी की बाइक की रिकवरी रेट की बात करें, तो वह जीरो है. वहीं, लोगों ने बताया कि चोरी की बाइक के बाद उसका क्लेम लेने में लोगों के पसीने छूट जाते हैं.
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