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Patna Book Fair : पुस्तक मेले में युवाओं को भा रही है महापुरुषों की जीवनी और मोटिवेशनल बुक

पटना पुस्तक मेले में यूं तो हर तरह की किताबें खूब बिक रही हैं लेकिन युवाओं के बीच महापुरुषों की जीवनी, उनपर लिखी किताबें और मोटिवेशनल बुक खूब बिक रही हैं. इसमें महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, भीमराव अंबेडकर, स्वामी विवेकानंद आदि पर मौजूद पुस्तकें विशेष डिमांड में हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 10, 2022 10:36 PM

पटना पुस्तक मेले में शनिवार को बड़ी संख्या में लोग पहुंचे. मेले में जहां एक ओर पुस्तकों के स्टॉलों पर भीड़ लगी रही वहीं दूसरी ओर विभिन्न साहित्यिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी लोगों लुभा रहे हैं. इन कार्यक्रमों में विभिन्न विषयों पर रोजाना चर्चाएं हो रही है और चर्चित लेखक, कवि, पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता इसमें अपनी बातें रखते हैं. पटना पुस्तक मेले में यूं तो हर तरह की किताबें खूब बिक रही हैं लेकिन युवाओं के बीच महापुरुषों की जीवनी, उनपर लिखी किताबें और मोटिवेशनल बुक खूब बिक रही हैं. इसमें महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, भीमराव अंबेडकर, स्वामी विवेकानंद आदि पर मौजूद पुस्तकें विशेष डिमांड में हैं. पुराने लेखकों के साथ ही नये लेखकों की साहित्यिक पुस्तकें भी अच्छी संख्या में बिक रही हैं.

सरकार की शक्ति बल में नहीं बल्कि कानून में होती है: अभ्यानंद

किसी भी विकासशील देश में ही क्राइम ज्यादा होता है. टेरर को हटाने के लिए टेरर का इस्तेमाल करना गलत एप्रोच है. सरकार की शक्ति बल में नहीं कानून में है, कानून कैसे इस्तेमाल होगा यह डीजीपी के सोच की चीज है. ये बातें शनिवार को पटना पुस्तक मेले में पूर्व डीजीपी अभ्यानंद ने कही. यह मौका था उनकी पुस्तक अनबाउंडेड पर चर्चा का. इसमें उन्होंने अपनी पुस्तक और अपने अनुभवों पर बात की. कार्यक्रम का संचालन जयप्रकाश ने किया. इसमें उन्होंने कहा की किसी भी जाति के बीच दंगा नहीं होता है, दंगे का मूल कारण अर्थ होता है. पूर्व डीजीपी अभयानंद ने पुस्तक अनबाउंडेड पर चर्चा करते हुए कहा कि इस किताब में लॉ, फिजिक्स, पुलिसिंग और सुपर 30 के अलग अलग पहलुओं की व्याख्या की गयी है.

अंशुमान लिखित ””दर्द का देवता”” पुस्तक का हुआ लोकार्पित

सीआरडी पटना पुस्तक मेला में शनिवार को पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व उपाध्यक्ष अंशुमान लिखित एवं नोवेल्टी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित कोरोना काल के दर्द पर लिखित पुस्तक ”” दर्द के देवता का लोकार्पण हुआ. पुस्तक का लोकार्पण शिक्षाविद्ध डॉ एनके झा, प्रो.डॉ अपराजिता, लेखक दिलीप कुमार, पुस्तक मेला के सूत्रधार नरेंद्र झा, सचिव अमरेंद्र झा, पत्रकार हृदय नारायण झा और प्रो दिव्या गौतम के हाथों संयुक्त रूप से किया गया. इस अवसर पर डॉ एनके झा ने कहा अंशुमान छात्र संघ के उपाध्यक्ष रूप में अपने कुशल सकारात्मक नेतृत्व की भूमिका निभा चुके हैं. अंशुमान ने कोरोना काल की त्रासदी से उत्पन्न दर्द को इस पुस्तक में व्यक्त किया है.

दलित साहित्य नीग्रो आंदोलन से प्रभावित है: मुसाफिर बैठा

कोई कविता अगर दलितों के भावों को मूल रूप से नहीं रख पाती है तो उसे दलित कविता की श्रेणी में स्थान नहीं मिल सकता है. दलित साहित्य नीग्रो आंदोलन से प्रभावित है. ये बातें शनिवार को पटना पुस्तक मेले में कवि मुसाफिर बैठा ने कही. यहां जनसंवाद कार्यक्रम के अंतर्गत दलित साहित्य और कविता पर कवियों ने अपने विचार रखे. इसमें कंचन कुमारी ने कहा कि दलित काव्य प्रतिरोध का काव्य है. यह काव्य शास्त्र सदियों पुराना है. अरविंद पासवान ने कहा कि दलित कवि सदैव ही सच की बात करते हैं. ये जो भी अपने जीवन काल में भोगते हैं उसे ही पाठकों तक कविताओं के माध्यम से प्रकट करते हैं. वहीं हरि नारायण ठाकुर ने कहा कि दलित साहित्य पर चर्चा तब होने लगी जब इस समाज से आने वाले लेखकों ने अपनी रचना से प्रतिरोध करना शुरू किया. कार्यक्रम का संचालन ज्योति स्पर्श ने किया.

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उद्यमियों को 10 लाख रुपये की सीडफंड राशि दी जा रही

पटना पुस्तक मेला में बिहार स्टार्टअप की ओर से जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन शनिवार को किया गया. इसमें बिहार स्टार्टअप नीति के बारे में जानकारी दी गयी. कार्यक्रम में बताया गया कि बिहार स्टार्टअप नीति के तहत चयनित उद्यमियों को 10 लाख रुपये तक की सीडफंड की राशि दी जा रही है. महिला उद्यमियों को 5 प्रतिशत अधिक और अनुसूचित जाति-जनजाति एवं दिव्यांग वर्ग के उद्यमियों को 15प्रतिशत अधिक सीडफंड की राशि बिहार स्टार्टअप नीति के तहत दी जा रही है.

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