बिहार के IGIMS में बाईप्लेन कैथलैब आज से चालू, ब्रेन हैमरेज मरीजों के लिए ICU में बढ़ाये गये बेड

IGIMS: बिहार में हार्ट अटैक और ब्रेन हैमरेज के मरीजों की संख्या में दिनोंदिन बढ़ोतरी हो रही है. कम उम्र के लोग भी हार्ट अटैक से मौत के शिकार हो रहे हैं. ऐसे में आईजीआईएमएस में शुरू हुई यह नई व्यवस्था मरीजों के लिए वरदान साबित होगा.

By Ashish Jha | January 17, 2025 10:11 AM
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IGIMS: पटना. बिहार में ठंड बढ़ने के साथ ही हार्ट अटैक और ब्रैन हैमरेज के मरीजों की संख्या में अचानक बढ़ोतरी देखी जा रही है. स्वास्थ्य विभाग इसको लेकर अलर्ट मोड में है. राजधानी के प्रमुख अस्पतालों में परिस्थिति के अनुसार बेड बढ़ाने का निर्देश दिया गया है. आईजीआईएमएस में मरीजों के लिए आईसीयू बेड की संख्या और बढ़ेगी. अब यह संख्या 122 हो जाएगी. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने शुक्रवार को इमरजेंसी की विस्तारित शाखा और हृदय रोग विभाग में बाईप्लेन कैथलैब का लोकार्पण किया. इस संस्थान में अब हार्ट अटैक और ब्रैन हैमरेज के मरीजों के इलाज की सुविधाएं काफी बढ़ जाएंगी. इस संस्थान में मरीजों को कम खर्च में इलाज की सुविधा मिल सकेगी.

आईसीयू वार्ड में बेड की संख्या हुई 122

संस्थान के अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि इमरजेंसी के ऊपरी तल्ले पर आईसीयू वार्ड बनाया गया है. अब 26 बेड के नए आईसीयू वार्ड बनने से यह संख्या 122 हो जाएगी. संस्थान के हृदय रोग विभाग में लगी नई बाईप्लेन कैथलैब मशीन से हार्ट अटैक और ब्रेन हैमरेज के मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी. हृदयरोग विभाग के अध्यक्ष प्रो. डॉ. रवि विष्णु प्रसाद ने बताया कि बिहार-झारखंड के किसी भी अस्पताल में यह पहली मशीन है. नई बाई प्लेन मशीन से दिल और दिमाग के नसों की ना सिर्फ एंजियोग्राफी की जा सकेगी, बल्कि सिकुड़ी धमनियों और नसों को भी फैलाया जा सकेगा.

बिहार-झारखंड के मरीजों को मिलेगा लाभ

आईजीआईएमएस के डॉक्टरों ने बताया कि बाई प्लेन कैथलैब के कई फायदे हैं. यह बहुत तेज गति से हृदय और ब्रेन से जुड़ी धमनियों की बीमारियों की पहचान और एकीकृत इलाज करने में सक्षम है. कम रेडिएशन होने के कारण यह मरीजों के लिए सुरक्षित है और एक ही मशीन से अलग-अलग उपचार की सुविधा होने से मरीजों के लिए कम लागत में इलाज की सुविधा हो सकती है. बिहार में हार्ट अटैक और ब्रेन हैमरेज के मरीजों की संख्या में दिनोंदिन बढ़ोतरी हो रही है. कम उम्र के लोग भी हार्ट अटैक से मौत के शिकार हो रहे हैं. ऐसे में आईजीआईएमएस में शुरू हुई यह नई व्यवस्था मरीजों के लिए वरदान साबित होगा.

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