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पटना एयरपोर्ट पर विमान से अक्सर टकराती है पक्षी, प्रबंधन की लापरवाही से कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

पटना एयरपोर्ट के रनवे के आसपास पक्षियों का जमावड़ा बढ़ गया है, जिसका परिणाम शुक्रवार को बर्ड हिट के रूप में देखने को मिला. ऐसा नहीं है कि पटना एयरपोर्ट से उड़ान भरते या उतरते विमान से पहली बार कोई पक्षी टकराया है.

पटना एयरपोर्ट के रनवे के आसपास पक्षियों का जमावड़ा बढ़ गया है, जिसका परिणाम शुक्रवार को बर्ड हिट के रूप में देखने को मिला. ऐसा नहीं है कि पटना एयरपोर्ट से उड़ान भरते या उतरते विमान से पहली बार कोई पक्षी टकराया है.

बर्ड हिट के कइ मामले आने पर भी प्रबंधन सुस्त 

इससे पहले भी बर्ड हिट के मामले हुए हैं और उसके बाद उसको रोकने के लिए एयरपोर्ट प्रबंधन समिति द्वारा कई निर्णय भी लिये गये हैं. इनमें एयरपोर्ट परिसर में खुले में कूड़ा को नहीं रखना और आसपास स्थित मुहल्लों में खुले में मीट मछली बेचने पर रोक लगाना शामिल था. लेकिन अब तक इन पर अमल नहीं हुआ है. लिहाजा आज भी बर्ड हिट जारी है. यह तो सुखद संयोग है कि अब तक ऐसी टक्कर के कारण कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई है और बर्ड हिट ग्रस्त विमान को पायलट सुरक्षित उतारने में सफल रहे हैं अन्यथा कभी बड़ी दुर्घटना भी हो सकती है.

चारों ओर खुले में बिक रही मांस-मछली

पटना एयरपोर्ट के चारों ओर स्थित मुहल्लों में आज भी पहले की तरह ही खुले में मांस-मछली बिक रही है. एयरपोर्ट के दक्षिण में बाउंड्रीवाल के बाहर फुलवारी की तरफ भी कई मीट-मछली की दुकानें हैं. उत्तर में स्थित राजवंशी नगर में भी इसी तरह पूरी तरह खुले में मांस मछली बेची जा रही है. मटन बनाने के दौरान निकले अवशेष अंगों को कसाई वहीं पास में डाल देते हैं, जिसे खाने के लिए बड़ी संख्या में वहां पक्षियों के हुजूम उमड़ते हैं. राजाबाजार से जगदेव पथ तक भी ऐसे कई दुकानें दिख जाती हैं. आइजीआइएमएस के गेट के पास भी एक बड़ा मछली बाजार है और वहीं पास में मटन भी कटता है.

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पक्षियों के जमावड़े को रोकने के लिए क्या किया गया?

पक्षियों के जमावड़े को रोकने के लिए एयरपोर्ट परिसर में स्थित सभी कूड़ा प्वाइंट पर ढक्कन वाला डस्टबीन इस्तेमाल करने का भी निर्णय लिया गया था क्योंकि डस्टबीन में रखे खाद्य पदार्थों को खाने के लिए भी बड़ी संख्या में पक्षी उसके आसपास जुटते हैं.

बिना ढक्कन के डस्टबीन भी हो रहे इस्तेमाल

इस निर्णय के बाद कुछ जगहों पर ढक्कन वाले डस्टबीनों का इस्तेमाल शुरू भी हुआ है, लेकिन कई जगह बिना ढक्कन के भी डस्टबीन मिल जाते हैं. साथ ही डस्टबीन के आसपास भी बड़ी संख्या में कूड़े बिखरे रहते हैं, क्योंकि कई लोग दूर से फेंक कर ही कूड़ा डस्टबीन में डाल देना चाहते हैं जिसके दौरान वे आसपास गिर जाते हैं. इनमें भोजन खोजने के लिए अभी भी आसपास के पक्षी जुट रहे हैं. इन्हीं पक्षियों के आने जाने के दौरान और ऊंचाई पर जाकर भोजन खोजने के क्रम में कई बार ये पटना एयरपोर्ट के एप्रोच फनल में पहुंच जाते हैं और उड़ते या उतरते विमानों से टकरा जाते हैं.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

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