पर्यटकों से गुलजार हुआ बिहार का डल झील, अब तक पहुंची 41 प्रजातियों की विदेशी पक्षियां
Bird Sanctuary: बेगूसराय जिले स्थिति कावर झील में उड़ान भरते प्रवासी पक्षियों के करतब-कलरव देख लोग काफी प्रसन्न हो रहे हैं. वन विभाग स्थानीय पर्यावरण कार्यकर्ताओं के साथ प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा को लेकर जागरुकता अभियान आरंभ किए है.
Bird Sanctuary: पटना. बिहार के बेगूसराय जिले स्थिति कावर झील आजकल पर्यटकों से गुलजार है. एशिया का यह दूसरा सबसे बड़ा पक्षी अभयारण्य है. यह अभयारण्य प्रकृति के सौंदर्य और पक्षी संरक्षण के लिए प्रसिद्ध है. इस पक्षी अभयारण्य में इस साल 107 प्रजाति के देसी और करीब 40 प्रजाति के विदेशी पक्षी प्रवास करने आये हैं. इस कारण यह जगह पक्षी प्रेमियों के लिए खास बन गया है. यहां लोगों को कई प्रवासी पक्षी और देसी पक्षी की प्रजाति देखने को मिल रही है. इन पक्षियों को कावर का स्वच्छ जल, कम ठंड एवं धान के अवशेष के रूप में चारा की पर्याप्त उपलब्धता के कारण रुकने में आसानी होती है.
सात समंदर पार से आती हैं प्रवासी पक्षियां
ठंड बढ़ते ही कावर झील पक्षी विहार में प्रवासी मेहमान पक्षियों का आगमन शुरू हो गया है. सात समंदर पार से मीलों दूर सफर तय कर रंग-बिरंगे पक्षियों का झील में उतरना शुरू हो गया है. पक्षियों की चहचहाहट व कलरव से लोगों का मन प्रफुल्लित हो रहा है. वहीं झील की रमणीयता बढ़ गई है. रंग-बिरंगे पक्षियों की कलरव से झील की सुंदरता में चार चांद लग गया है. प्रत्येक वर्ष दर्जनों प्रजाति के पक्षी यहां आते हैं. आनेवाले पक्षियों की संख्या सैकड़ों में नहीं बल्कि कई हजारों में होती है. इस झील में पांच माह के प्रवास के बाद गर्मी शुरू होते ही अपने वतन को लौट जाते हैं.
यहां दिखती हैं 40 से ज्यादा प्रवासी प्रजातियां
इस जगह को 20 जनवरी 1989 को कावर पक्षी बिहार घोषित किया गया. दो जनवरी 1989 को वन मंत्रालय ने कावर को देशभर के 10 रामसर साइट में शामिल किया. इस झील में मुख्य रूप से लालसर, दीघौंच, कसुरार, डुमर, निलसर, डार्टर, ब्लैक नेकेड स्टाक, कूट, किगफिशर, मूर हेन, ग्रै हेरान, कामन इगरेट, लार्ज इगरेट, स्नालर इगरेट, लिटिस इगरेट, नाइट हेरान, लिटिल ग्रीब, शावलर, शिकरा, इजिप्शियन वल्चर, बार हेडेड गीज, पर्पल हेरान, टिल, पर्पल हेरान आदि प्रजाति के मेहमान पक्षी ठंडे इलाके वाले देश साइबेरिया, स्विट्जरलैंड, इंडो तिब्बत, वर्मा, थाईलैंड, जापान, रूस, अफगानिस्तान, मंगोलिया, इंडोनेशिया आदि देशों से यहां पहुंचते हैं.
पर्यटकों को भा रही है प्रकृति की सुंदरता
पर्यटकों के लिए सरकारी स्तर पर कोई खास व्यवस्था नहीं है, लेकिन स्थानीय लोगों ने निजी स्तर पर नाव के साथ-साथ अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की कोशिश की है. कावर झील में पक्षी देखने आयी चंदा सिंह कहती हैं कि पक्षी अभयारण्य एक ऐसी जगह है, जहां आप सुंदर पक्षियों के साथ प्रकृति के मनोरम दृश्य का भी आनंद उठा सकते हैं. यहां मौजूद प्रवासी पक्षियां अपनी ओर आकर्षित करती है. सुविधाओं की कमी के बावजूद उनका कहना है कि यह जगह दोस्तों और परिवार के साथ घूमने के लिए शानदार पर्यटन स्थल है. नेचर फोटोग्राफी के शौकीन अभिनव सिन्हा कहते हैं कि रंग-बिरंगे पक्षियों की खूबसूरती और प्रकृति की सुंदरता को अपनी नजरों में कैद करना हमें यहां अच्छा लगता है.
कैसे आएं कावर झील पक्षी अभयारण्य
बेगूसराय में स्थित कावर झील पक्षी अभ्यारण एक प्राकृतिक पर्यटन स्थल है. यहां आने के लिए आप रेल, सड़क और हवाई मार्ग का उपयोग कर सकते हैं.
रेल मार्ग – इस पक्षी अभ्यारण तक आने के लिए सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन बेगूसराय स्टेशन है, जिसकी दूरी कावर झील से मात्र 30 किलोमीटर है.
वायु मार्ग – कावर झील पक्षी अभयारण्य का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा पटना एयरपोर्ट है. इस एयरपोर्ट से पक्षी अभयारण्य तक की दूरी केवल 160 किलोमीटर है. पटना एयरपोर्ट तक पहुंच कर आप बेगूसराय के लिए बस या कैब लेकर कावर झील पक्षी अभयारण्य तक आ सकते हैं.
सड़क मार्ग – पटना को बेगूसराय से जोड़ने वाली सड़क भारत के प्रमुख शहरों से जुड़ी हुई है. इसलिए आप सड़क मार्ग से भी कावर झील पक्षी अभयारण्य तक आ सकते हैं.
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