पटना. जदयू व भाजपा का गठबंधन टूटने के बादबिहार विधानसभा में भाजपा अब अकेले रह गयी है. दो दशक में ऐसा पहली बार होगा कि उसका कोई सहयोगी नहीं होगा. विधानसभा में उसके 77 सदस्य हैं. जीतन राम मांझी की पार्टी हम ने भी नीतीश को समर्थन का एलान किया है. वैसे लोजपा (राम विलास) के नेता चिराग पासवान भाजपा के समर्थन में उतरे. रालोजपा के नेता पशुपति कुमार पारस ने स्पष्ट किया कि वह एनडीए के साथ हैं, लेकिन विधानसभा में इन दोनों की मौजूदगी शून्य है. ऐसे में विधानसभा के अंदर विपक्ष के रूप में भाजपा अकेली पार्टी होगी.
राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) ने फैसला लिया है कि पार्टी पूरी मजबूती के साथ एनडीए में बनी रहेगी. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की उपस्थिति में नयी दिल्ली हुई बैठक में फैसला लिया गया कि रालोजपा केंद्र एवं बिहार में एनडीए गठबंधन एवं भारतीय जनता पार्टी के साथ पूरी मजबूती के साथ रहेगी.
लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद चिराग पासवान ने बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करते हुए कहा कि नीतीश कुमार को नये सिरे से जनादेश लेना चाहिए. चिराग ने कहा कि नीतीश कुमार एनडीए गठबंधन में थे. 2020 में एनडीए गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा और भाजपा की कृपा से मुख्यमंत्री बने. अगर उनमें हिम्मत है तो चुनाव मैदान में उतरे.
पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की पार्टी ने एनडीए से किनारा करने की घोषणा कर दी. पार्टी के विधायक दल की बैठक में मांझी ने नीतीश कुमार पर भरोसा जताया. मांझी ने कहा कि हमारी पार्टी बिना शर्त महागठबंधन सरकार को समर्थन देगी. हम के सभी चार विधायकों ने नीतीश के नेतृत्व में आस्था प्रकट की.