बिहार विधान परिषद में भाजपा का जोरदार हंगामा, केवल 18 मिनट ही चल पायी पहली पारी

बिहार विधान परिषद में हंगामे के बीच सरकार के दो मंत्रियों ने पटल पर दो अलग-अलग वार्षिक लेखा प्रतिवेदन पटल पर रखे. उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड का 2018-19 का वार्षिक लेखा प्रतिवेदन सदन में रखा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 14, 2022 4:53 PM

बिहार विधान परिषद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन की पहली पारी हंगामेदार रही. प्रदेश की बिगड़ी कानून व्यवस्था पर कार्य स्थगन प्रस्ताव लाने पर अडिग विपक्ष ने सदन में जमकर हंगामा किया. नाखुश विपक्ष वेल में उतर गया. सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. सदन में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि कानून व्यवस्था की बहदाल स्थिति है. शराब से लोग मर रहे हैं. चूंकि मुख्यमंत्री गृह मंत्री भी हैं. इसलिए सीएम को इस्तीफा देना चाहिए. उनके खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज करायी जानी चाहिए.

कार्य स्थगन प्रस्ताव नामंजूर

परिषद में सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने कार्य स्थगन प्रस्ताव को पेश करते ही अस्वीकृत कर दिया. उन्होंने व्यवस्था दी कि लोग प्रश्नकाल और दूसरे कार्य को निबटाने दें. बाद में इस विषय पर चर्चा करायी जा सकती है. सभापति अपनी कुर्सी से खड़े होकर भी अनुशासन बनाये रखने की बात करते रहे थे. लेकिन विपक्ष कार्य स्थगन प्रस्ताव को मंजूर करने पर अडिग रहा.

विधान परिषद की पहली पारी चली केवल 18 मिनट

हालांकि शोर शराबे के बीच संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि शराब बंदी के प्रति सरकार प्रतिबद्ध है. शराब पीने से मौत नहीं होना चाहिए. इस तरह की मौत न हों. इसलिए सरकार ने शराबबंदी की है. उन्होंने विपक्ष पर कटाक्ष किया कि सरकार शराब पीने और बांटने वालों की सूचना देने पर ईनाम भी दे रही है. विपक्ष ऐसी सूचनाएं क्यों नहीं दे रहा है. सरकार शराबबंदी मामले में सख्त कार्यवाही कर रही है. संसदीय कार्यमंत्री के जवाब पर भी विपक्ष नहीं माना तो अंत में 18 मिनट चलने के बाद परिषद की पहली पारी 12 बजे शुरू हो कर 12 बज कर 18 मिनट पर दोपहर ढाई बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी. 18 मिनट में करीब 11 मिनट वेल में रहा.

सरकार विरोधी पोस्टर लेकर पहुंचे थे विपक्षी

भाजपा एमएलसी नवल किशोर यादव ने सभापति से आग्रह किया कि आप नियम की बात कर रहे हैं. जबकि विशेष परिस्थितियों में एक्ट (नियम) के स्थान पर फैक्ट पर चर्चा करायी जा सकती है. ऐसा किया जा सकता है. हालांकि सभापति ने इसे अमान्य कर दिया. विपक्षी विधान पार्षद सदन में सरकार विरोधी पोस्टर लेकर भी पहुंचे थे. सत्ता पक्ष की तरफ से राजद के विधान पार्षद कॉरी सौहेब और एक अन्य महिला विधान पार्षद ही विपक्ष के खिलाफ बोलते दिखाई दिये. जब सदन में विपक्ष हमलावर था, तब सिर्फ संसदीय कार्य एवं वित्त मंत्री विजय चौधरी ने हस्तक्षेप किया.

मंत्रियों ने पटल पर रखे लेखा प्रतिवेदन

हंगामे के बीच सरकार के दो मंत्रियों ने पटल पर दो अलग-अलग वार्षिक लेखा प्रतिवेदन पटल पर रखे. उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड का 2018-19 का वार्षिक लेखा प्रतिवेदन सदन में रखा. इसके बाद संसदीय कार्यमंत्री विजय चौधरी ने बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार 2019-20 का लेखा प्रतिवेदन किया पेश किया.

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