JDU की सीट से अमित शाह करेंगे ‘मिशन 38 बिहार’ का आगाज, भाजपा नेता घूम-घूम कर दे रहे कार्यक्रम का आमंत्रण
25 फरवरी को बिहार के दो शहरों में होने वाली सभाओं को लेकर बिहार भाजपा के नेताओं-कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह दिख रहा है. अमित शाह अपने कार्यक्रम के दिन सुबह 11 बजे वाल्मीकिनगर में लोकसभा कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करने के बाद दोपहर में पटना में किसान मजदूर समागम को संबोधित करेंगे.
भाजपा ने आगामी लोकसभा में बिहार की 40 में से 38 सीट जीतने का लक्ष्य कार्यसमिति की बैठक में निर्धारित किया था. अब इसी अजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार आ रहे हैं. 25 फरवरी को बिहार के दो शहरों में होने वाली सभाओं को लेकर बिहार भाजपा के नेताओं-कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह दिख रहा है. अमित शाह अपने कार्यक्रम के दिन सुबह 11 बजे वाल्मीकिनगर के साहू जैन हाइ स्कूल मैदान पर लोकसभा कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करने के बाद दोपहर में राजधानी पटना स्थित बापू सभागार में किसान मजदूर समागम को संबोधित करेंगे.
बिहार भाजपा के कई पदाधिकारियों को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गयी
वाल्मीकिनगर के कार्यकर्ता सम्मेलन में संबंधित संसदीय क्षेत्र के तमाम बड़े नेताओं के साथ ही बूथ स्तरीय कार्यकर्ता तक शामिल होंगे. पूर्णिया के बाद वाल्मीकिनगर में यह दूसरा लोकसभा कार्यकर्ता सम्मेलन है, जिसमें अमित शाह भाग ले रहे हैं. इस बीच वैशाली लोकसभा कार्यकर्ता सम्मेलन में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चुनावी हुंकार भरी थी. आयोजन की सफलता को लेकर बिहार भाजपा के कई पदाधिकारियों को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गयी है.
एनडीए की सीट, 2014 में भाजपा को मिली थी जीत
वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट पिछले दो दशक से एनडीए के पास है, लेकिन इस पर अधिकांशत: जदयू का कब्जा रहा. सिर्फ 2014 में जब जदयू एनडीए से अलग हुई तो भाजपा ने इस लोकसभा सीट पर जीत हासिल की थी. 2020 के उप चुनाव में बतौर एनडीए उम्मीदवार जीते सुनील कुमार वर्तमान सांसद हैं. अब 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा इस सीट पर कब्जे की कोशिश में जुटी है.
स्वामी सहजानंद के बहाने सवर्ण वोटरों को साधने की कोशिश
किसान नेता स्वामी सहजानंद सरस्वती की जयंती के मौके पर पटना के बापू सभागार में हो रहे किसान मजदूर समागम के बहाने भाजपा सवर्ण वोटरों को साधने की कोशिश में जुटी है. भाजपा के सवर्ण नेता सांसद विवेक ठाकुर, नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा के साथ ही सम्राट चौधरी सहित अन्य नेता भी जिलों में घूम-घूम कर आयोजन में भाग लेने के लिए लोगों को आमंत्रित कर रहे हैं.
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भाजपा आरोप लगाती रही है कि धर्म और समाज सुधार के क्षेत्र में दयानंद और विवेकानंद जैसा योगदान होने के बावजूद स्वामी सहजानंद को आधुनिक इतिहास में उचित स्थान नहीं दिया गया. बिहटा में कर्मभूमि होने के बावजूद उनकी जयंती और पुण्यतिथि पर बिहार में कोई भी राजकीय कार्यक्रम नहीं होता. बिहार सरकार की डायरी-कैलेंउर में उनकी जयंती और पुण्यतिथि तक चिन्हित नहीं है.