Bihar News: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव द्वारा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार पर जासूसी कराये जाने का आरोप लगाए जाने के बाद सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के नेताओं ने पलटवार किया है. बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा, “तेजस्वी यादव जी आपके माता-पिता के अलावा आपकी पहचान क्या है. आपके माता-पिता की आज तक जासूसी नहीं की गई. जनता के बीच आपकी क्या गतिविधियां हैं, जिससे कि जनता आपको चाहती है कि आपकी जासूसी होगी. यह सब बेकार की बातें हैं.”
तेजस्वी की जासूसी क्यों कराएंगे
बिहार के जल संसाधन मंत्री और जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी ने तेजस्वी के आरोप को नकारते और उनपर कटाक्ष करते हुए कहा, “अगर कोई जासूसी कर रहा है तो सतर्क रहना चाहिए.” तेजस्वी द्वारा बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति बदतर होने का आरोप लगाए जाने पर कहा, “आंकड़े बता रहे हैं की विधि व्यवस्था की स्थिति में सुधार हो रहा. सुशासन की पहचान यही होती है कि अगर अपराध होता है, अपराधी कानून के हवाले होते हैं.”
जदयू के एक अन्य वरिष्ठ नेता और राज्य मंत्री अशोक चौधरी ने कहा, “जासूसी उनकी कराई जाती है जिसे डर और भय हो. नीतीश कुमार ने 18 वर्षों के अपने शासनकाल के दौरान उनके पिताजी की तो जासूसी कराई नहीं. उनकी (तेजस्वी) जासूसी क्यों कराएंगे. हमारे नेता इस इन सब में विश्वास नहीं करते। जो लोग अखंड भ्रष्टाचार में डूबे रहते है, उन्हें हर तरफ भ्रष्टाचार ही नजर आता है.”
एक नेता का जीवन पारदर्शी होता है
बीजेपी नेता दिलीप जायसवाल समेत नेताओं की प्रतिक्रिया ने कहा, “एक नेता जनता के लिए जीता है और उसे जनता के लिए ही जीना चाहिए, तो ऐसे में जासूसी का तो कोई सवाल ही पैदा नहीं होता. जासूसी तब होती है, जब कुछ चीज छुपाकर रखी गई हो, लेकिन यहां किसी भी प्रकार की कोई भी बात छुपाकर नहीं रखी गई है, तो ऐसी स्थिति में जासूसी का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है. एक नेता का जीवन पारदर्शी होता है. ऐसी स्थिति में उसके अंदर छुपाने जैसी कोई बात नहीं है.”
दिलीप जायसवाल ने आगे कहा, “मैं कुल मिलाकर यही कहना चाहूंगा कि किसी भी राजनेता की गतिविधियां जनता से छुपी नहीं होती है और ना ही छुपी रहनी चाहिए. नेता का पूरा जीवन पारदर्शी होता है. मुझे लगता है कि तेजस्वी यादव ने अपनी बुद्धि का इस्तेमाल नहीं किया है, अगर किया होता, तो आज वो इस तरह के बयान नहीं दे रहे होते. एक नेता की जासूसी हो, यह सवाल ही पैदा नहीं होता है. वो ऐसे ही भ्रामक बयान दे रहे हैं. उनकी लोकप्रियता का ग्राफ गिर रहा है, इसलिए वो येन केन प्रकारेण इस तरह के बयान दे रहे हैं.”
वन नेशन और वन इलेक्शन पर क्या बोले
दिलीप जायसवाल ने वन नेशन और वन इलेक्शन को लेकर मचे सियासी बवाल पर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा, “यह हमारा सपना है. हम इसे जमीन पर उतारकर रहेंगे. देश में रोज चुनाव हो रहे हैं, कभी विधानसभा तो कभी पंचायत तो कभी किसी और के. ऐसे में वन नेशन वन इलेक्शन जरूरी हो जाता है, लेकिन मुझे यह नहीं पता है कि यह कब से लागू होने जा रहा है.”