बिहार के सबसे बड़े विपक्षी दल के रूप में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में नेता प्रतिपक्ष के पद की एकलौती दावेदार है. मंगलवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में शाम 5.30 बजे होने वाली भाजपा विधानमंडल दल की बैठक में इन दोनों पदों के लिए चुने जाने वाले उम्मीदवार पर अंतिम मुहर लग सकती है.
ऐसी संभावना जताई जा रही है कि केंद्रीय नेतृत्व या उनके द्वारा नियुक्त प्रेक्षक अथवा प्रभारी-सह प्रभारी द्वारा नाम की घोषणा की जाये. विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष को लेकर जहां तीन से चार नेताओं के नाम की चर्चा है, वहीं विधान सभा में इस पद को लेकर आधा दर्जन से अधिक लोग दावेदार बताए जा रहे हैं.
एनडीए गठबंधन के तहत बनी जदयू – भाजपा की सरकार में उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद को भाजपा बिहार विधानमंडल दल का नेता बनाया गया था. लेकिन, बदली राजनीतिक परिस्थिति में मुखर नेता की तलाश को देखते हुए केंद्रीय नेतृत्व ने नये नाम पर भी विचार किया है. इन नामों में पूर्व मंत्री नितिन नवीन, जीवेश मिश्रा, संजीव चौरसिया, नीतीश मिश्रा के नाम पर भी चर्चा की जा रही है. विधान सभा अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर विजय सिन्हा को भी नेता प्रतिपक्ष बनाया जा सकता है.
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वहीं बिहार विधान परिषद में अभी नवल किशोर यादव भाजपा के नेता हैं. विधानसभा में अगड़ी जाति से नेता प्रतिपक्ष चुने जाने पर परिषद में नवल किशोर यादव की कुर्सी बरकरार रह सकती है. बदली स्थिति में पूर्व मंत्री मंगल पांडेय को भी नेता विपक्ष बनाया जा सकता है. इस पद को लेकर पूर्व मंत्री सम्राट चौधरी के नाम को लेकर भी चर्चा है.