ललन सिंह ने कहा, भाजपा अगर जातीय गणना के पक्ष में है तो सुप्रीम कोर्ट में अटॉर्नी जनरल को खड़ा करे

जातीय गणना का कार्य प्रगति पर है तो भाजपा षड्यंत्र कर परोक्ष तौर पर सुप्रीम कोर्ट के बहाने इसे रुकवाने पर तुली है. ललन सिंह ने ट्वीट में आगे लिखा है कि यदि ये वाकई में बिहार में हो रही जातीय गणना के पक्षधर हैं तो सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका के खिलाफ भारत के अटाॅर्नी जनरल को खड़ा करे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 11, 2023 10:53 PM

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने बुधवार को कहा है कि भाजपा यदि बिहार में जातीय गणना की पक्षधर है तो सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका के खिलाफ अटॉर्नी जनरल को खड़ा करे. ऐसा नहीं होने पर भाजपा का दोहरा चरित्र जगजाहिर है. अब देश के सामने एक ही विकल्प है ‘2024 में बड़का झुट्ठा पार्टी (बीजेपी) मुक्त भारत’.

जातीय गणना की पक्षधर है तो सुप्रीम कोर्ट में अटॉर्नी जनरल को खड़ा करे भाजपा: ललन सिंह

ललन सिंह ने ट्वीट कर कहा कि जब राष्ट्रीय स्तर पर जातीय गणना की मांग केंद्र सरकार ने अस्वीकार कर दिया तब छह महीने तक अड़ंगा लगा रहा. इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी प्रसाद यादव के दबाव में बिहार सरकार को अपने खर्च पर जनहित में जातीय गणना करवाने की सहमति मिली. अब यह कार्य प्रगति पर है तो भाजपा षड्यंत्र कर परोक्ष तौर पर सुप्रीम कोर्ट के बहाने इसे रुकवाने पर तुली है. ललन सिंह ने ट्वीट में आगे लिखा है कि यदि ये वाकई में बिहार में हो रही जातीय गणना के पक्षधर हैं तो सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका के खिलाफ भारत के अटाॅर्नी जनरल को खड़ा करे.

कब तक जारी रहेगा मोदी सरकार का बिहार के गरीबों के साथ दुर्भावपूर्ण रवैया: अभिषेक झा

जदयू के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक झा ने बिहार सरकार के प्रति केंद्र की मोदी सरकार की भेदभावपूर्ण रवैये पर कहा है कि कब तक बिहार के गरीबों के साथ दुर्भावपूर्ण रवैया जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर योजना के तहत बिहार के मात्र 47,198 गरीबों को यह ऋण दिया गया. वहीं उत्तर प्रदेश में 8 लाख, मध्य प्रदेश में लगभग 5 लाख, गुजरात और महाराष्ट्र में लगभग 2 लाख लोगों को यह ऋण दिया गया.

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बिहार के गरीब ऋण वापस करने में यूपी से आगे

अभिषेक झा ने कहा कि जिस बिहार के गरीब ऋण वापस करने के मामले में यूपी से आगे रहे, उस बिहार के गरीबों को मोदी सरकार ने दूसरी क़िस्त देने में धोखेबाजी की. वहीं जिस उत्तर प्रदेश के लाभार्थी ऋण वापस करने में कोताही करते रहे उन्हें बिहार से भी ज्यादा प्राथमिकता दी गई. इसे बिहारियों के प्रति मोदी सरकार की नफरती मानसिकता नहीं तो और क्या कहेंगे ?

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