Black Fungus: कोरोना इलाज के दौरान ये लापरवाही पड़ सकती है भारी, जानें किन मरीजों में ब्लैक फंगस का अधिक होता है खतरा…

कोरोना संक्रमण के बीच अब ब्लैक फंगस के बढ़ते मामले बिहार में चिंता का विषय बनता जा रहा है. मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ते ही जा रहे हैं. प्रदेश में ब्लैक फंगस के मामले अब बढ़कर 50 के पार पहुंच गए हैं. सोमवार को सूबे में कुल 16 मामले सामने आए जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं भी बढ़ने लगी है. पटना एम्स और पीएमसीएच अस्पताल में ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए अलग वार्ड और बेड तैयार किए गए हैं. वहीं शुगर मरीजों और कोरोना संक्रमण के इलाज के दौरान ऑक्सीजन सपोर्ट पर रहे मरीजों में ब्लैक फंगस के अधिक मामले पाए गए हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 18, 2021 10:47 AM

कोरोना संक्रमण के बीच अब ब्लैक फंगस के बढ़ते मामले बिहार में चिंता का विषय बनता जा रहा है. मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ते ही जा रहे हैं. प्रदेश में ब्लैक फंगस के मामले अब बढ़कर 50 के पार पहुंच गए हैं. सोमवार को सूबे में कुल 16 मामले सामने आए जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं भी बढ़ने लगी है. पटना एम्स और पीएमसीएच अस्पताल में ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए अलग वार्ड और बेड तैयार किए गए हैं. वहीं शुगर मरीजों और कोरोना संक्रमण के इलाज के दौरान ऑक्सीजन सपोर्ट पर रहे मरीजों में ब्लैक फंगस के अधिक मामले पाए गए हैं.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अबतक ब्लैक फंगस के जितने मामले सामने आए हैं उनमें अधिकतर मरीज ऐसे हैं जो कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती हुए थे और उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर और आईसीयू में इलाज के लिए रखा गया था. ऐसे में एक अनुमान के तहत डॉक्टरों को लगता है कि ऑक्सीजन देते समय पाइप और पानी को सही समय पर नहीं बदलने के कारण फंगस जमा होकर नाक के जरिए मरीज के शरीर में प्रवेश कर सकता है. जिसके बाद मरीज इसके चपेट में आ सकते हैं.

डॉक्टर की एक राय के तहत, कोरोना संक्रमित मरीज को अस्पताल में अधिकतर मामले में स्टेरॉयड दिया जाता है. इसके कारण मरीज के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहद कम हो जाती है. जिसके बाद अस्पताल में या अंदर आइसीयू वार्ड में अगर हाइजीन की लापरवाही होती है तो कई तरह के संक्रमण मरीजों के लिए खतरा बनकर आते हैं जिनमें एक ब्लैक फंगस भी हो सकता है. इसलिए अगर रोगी लंबे समय तक ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं तो पाइप और पानी वगैरह बदलते रहना चाहिए. वहीं वेंटिलेटर पर रखे गए मरीजों के श्वास नली पाइप वगैरह पर विशेष निगरानी रखनी चाहिए.

Also Read: बक्सर में शवों के आंकड़े पर हाईकोर्ट को संदेह! मुख्य सचिव 6 तो आयुक्त 900 मौत का कर रहे दावा, अदालत ने सरकार से मांगा जवाब

बता दें कि ब्लैक फंगस के संकट अब लोगों के अंदर एक नया खौफ बनकर सामने आ गया है. पटना निवासी एक मरीज की अंबाला में हालत इतनी बिगड़ी कि डॉक्टरों को फौरन ऑपरेशन कर मरीज के आंख निकालने पड़े. मरीज अंबाला में डॉक्टर के पिता हैं और कोरोना संक्रमित होने के बाद ठीक हो चुके थे. लेकिन अचानक तबियत इस तरह बिगड़ी कि आंख निकालने के नौबत आ पड़े. ब्लैक फंगस की चपेट में आने के कारण डॉक्टरों को यह कदम उठाना पड़ा. कोरोना मरीजों में ब्लैक फंगस होने तथा News in Hindi से अपडेट के लिए बने रहें।

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

Next Article

Exit mobile version